Mukhya Samajsastriya Vicharak: Ek Samiksha (Paperback-2022)

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About the Book

समाजशास्त्र अनिवार्य रूप से सभी जटिलताओं के साथ समाज के विभिन्न पहलुओं से संबंधित है। समाजशास्त्रीय कल्पना का उपयोग हमें धारणाओं से आगे बढ़ने में सक्षम बनाती है, वस्तुतः यह हमारे अपने अनुभवों एवं व्यवहारिक सामाजिक जीवन के बारे में पूरी परिचर्चा है। समाजशास्त्र, प्रमुख 'शास्त्रीय' विचारकों के एक व्यवस्थित चिन्तन-रूपी तोप पर निर्भर रहता है और अपनी उत्पत्ति को यूरोपीय जुड़वा क्रांतियों से जोड़ता है। समाजशास्त्र, समाज का एक वैज्ञानिक अध्ययन है एवं एक विशिष्ट समाजशास्त्रीय अध्ययन अनेक उपयोगिता प्रदान करता है--उदाहरणार्थ, तुलनात्मक दृष्टिकोण; इच्छित और अनपेक्षित परिणामों के प्रति संवेदनशीलता; प्रभावी नीति के गठन के निर्माण में योगदान; तथा सामाजिक संबंधों के मुद्दों से जुड़े कई पेशेवर उपजीविका के लिए दक्षतापूर्ण जनशक्ति प्रदान करती है। इसमें कोई शक नहीं कि कॉम्टे, मार्क्स, वेबर, दुर्खीम और अन्य अग्रणी विचारकों के बिना समाजशास्त्र संभव अधूरा है। वर्तमान कार्य का शीर्षक 'मुख्य समाजशास्त्रीय विचारकः एक समीक्षा', व्यवस्थित एवं विशेष रूप से समाजशास्त्र की उत्पत्ति और विकास परिलक्षित करता है। निःसन्देह यह कार्य विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के B.A. तथा M.A. डिग्री पाठ्यक्रम, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के अध्ययन के साथ-साथ, सिविल सेवा, यूजीसी नेट आदि परीक्षा में छात्रें की तैयारी की आवश्यकताओं को पूरा करती है। अतः यह पुस्तक नवोदित स्नातक, स्नातकोत्तर और प्रतियोगी छात्रें के लिए अपरिहार्य पुस्तक के रूप में प्रस्तावित की जा सकती है।


About the Author

डॉ॰ विजयलक्ष्मी सक्सेना पिछले दस वर्षों से उच्च शिक्षा में अध्यापन एवं अनुसंधान कार्य से जुड़ी हैं। आप वर्तमान में समाजशास्त्र विभाग, सी.एम.पी. डिग्री कॉलेज, इलाहाबाद (इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक संघटक कॉलेज) में सहायक प्रोफेसर हैं। इससे पहले आप एन.जी.बी. यूनिवर्सिटी, हनुमानगंज, इलाहाबाद में सहायक प्रोफेसर थीं। इनके अध्यापन एवं शोध झुकाव में समाजशास्त्रीय विचारक, भारतीय परिप्रेक्ष्य; औघोगिक एवं नगरीय समाजशास्त्र, महिला सशाक्तिकरण शामिल हैं। आप ‘औघोगिक समाजशास्त्रः प्रसंग और परिप्रेक्ष्य’ पुस्तक की लेखक हैं। आपने बाल-श्रम, ग्रामीण मुद्दों, महिला सशाक्तिकरण और मूल्य शिक्षा संबंधित व्यापक मुद्दों पर प्रमुख पत्रिकाओं में दर्जनों लेख लिखे हैं। आपने मनरेगा, शहरी अध्ययन, चुनावी विश्लेशण आदि मुद्दों पर जम्मू-कश्मीर राज्य संसाधन केंद्र श्रीनगर; एल.बी.एस.एन.ए.ए, मसूरी; राज्य निर्वाचन आयोग, यू.पी. नामक संस्थाओं द्वारा प्रायोजित कुछ शोध परियोजनाओं में अनुसंधान टीम के सदस्य के रूप में कार्य किया है। आपने विभिन्न विश्वविघालयों और संस्थानों के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संम्मेलनों में भी भाग लिया है।

More Information
ISBN13 9788126933334
Product Name Mukhya Samajsastriya Vicharak: Ek Samiksha (Paperback-2022)
Price ₹375.00
Original Price INR
Author Vijaylaxmi Saxena
Publisher Atlantic Publishers and Distributors (P) Ltd
Publication Year 2022
Subject Sociology and Anthropology
Binding Paperback
Language Hindi
Pages 375
Weight 0.270000
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