Madhyakaalin Bharat ka Itihaas (Set of 4 Vols.) (Hardbound-2002)
Ships in 1-2 Days! Cheapest Price Guaranteed. Exclusively Distributed by Atlantic All Over India!
इस कृति में मध्यकालीन भारत की छः शताब्दी (आठवीं शताब्दी से तेरहवीं शताब्दी ) में हुये क्रमिक परिवर्तनों के अन्तर्गत संपत्तिगत संबंधों के स्वरूप 'नेचर आफ प्रापर्टी रिलेशन्स), जागीरदारी व्यवस्था और म्राम समुदाय (विलेज कम्युनिटी) की कार्यप्रणाली और समकालीन सामाजिक संबंधों को उजागर करने का प्रयास किया गया है। कृषि-संबंधों के नवीन स्वरूप के कारण शहरीकरण (अर्बनाइजेशन) की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया है; इस शहरीकरण की प्रक्रिया को गतिमान बनाने में दिल्ली सल्तनत के योगदान को भी स्पष्ट किया गया है। इतिहास समस्त सामाजिक विज्ञानों का “आलेखागार' है; इस दृष्टि से इतिहास ने विभिन्न सामाजिक विज्ञानों के बीच को विभाजन रेखाओं को मिटाने में अप्रतिम योगदान दिया है, इस प्रकार के ऐतिहासिक अध्ययन ने मानवीय विकास को स्पष्ट किया है। प्रस्तुत पुस्तक में इसी आधुनिक ऐतिहासिक दृष्टिकोण का अनुसरण किया गया है इसके अतिरिक्त प्रस्तावित अध्ययन काल से संबंधित लगभग समस्त पक्षों-राजनीति और राजतंत्र, राज्य एवं धर्म आर्थिक एवं तकनीकी विकास, धार्मिक-सामाजिक आंदोलन के क्रमिक बिन्दु,. सांस्कृतिक प्रगति एवं तत्कालीन ऐतिहासिक लेखन आदि सभी विषयों का यथासंभव संतुलित विवेचन का प्रयास इस कृति में निहित है।
About the Author
डॉ० मानिक लाल गुप्त, वाई० डी० पोस्ट-ग्रेजुएट कॉलेज, लखीमपुर खीरी (कानपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध) के इतिहास विभाग में रीडर एवं विभागाध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। अपने तीन दशक के अध्यापन तथा शोध-योजनाओं में निर्देशन के दौरान, उनके द्वारा लिखित पुस्तके-' ब्रिटिश हिस्ट्री' (साइंटिफिक पब्लिशर्स, जोधपुर से प्रकाशित); 'कान्स्टीट्यूशनल डेवलपमेंट ऑफ इंडिया', 'सोसेज ऑफ मुगल हिस्ट्री', ' अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्ध', "भारतीय विदेश नीति और निकटतम पड़ोसी राष्ट्र', 'इतिहास स्वरूप, अवधारणायें एवं उपयोगिता', 'मध्यकालीन-भारत', भाग 1 से 4, (एटलांटिक पब्लिशर्स, नई दिल्ली से प्रकाशित); 'आधुनिक विश्व', (कालेज बुक डिपो, जयपुर से प्रकाशित); 'बिहार,' “उत्तर प्रदेश' (साहित्य भवन पब्लिकेशन्स , आगरा से प्रकाशित) विशेष चर्चित रही हैं। लगभग तीन दर्जन रिसर्च पेपर्स भारत एवं पाकिस्तान में प्रकाशित हो चुके हैं। इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज द्वारा अनुदानित 'खीरी जनपद का क्षेत्रीय इतिहास' का अध्याय तैयार किया है। इंडियन कौंसिल फॉर हिस्टॉरिकल रिसर्च द्वारा अनुदानित 'उत्तर प्रदेश में स्वतन्त्रता आंदोलन के दौरान महिलाओं की चेतना' प्रोजेक्ट तैयार किया। आजकल 'भारत-विभाजन : 1947' पर शोध-कार्य में संलग्न हैं।
ISBN13 | 9788171567799 |
---|---|
Product Name | Madhyakaalin Bharat ka Itihaas (Set of 4 Vols.) (Hardbound-2002) |
Price | ₹1,315.00 |
Original Price | INR 1315 |
Author | Manik Lal Gupta |
Publisher | Atlantic Publishers and Distributors (P) Ltd |
Publication Year | 2002 |
Subject | History |
Binding | Hardbound |
Volume | 4 Vols. |
Language | Hindi |
Pages | 678 |
Weight | 0.340000 |
-
Icon
-
Icon
-
Icon
Lowest Price
Trusted Since 1977
-
Icon
payment method
Secure payment
Login and Registration Form