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Rajasthan ki THali: Paushtik, Swadisht, Saral

by Suman Bhattnagar , Pushpa Gupta
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Book cover type: Hardcover
  • ISBN13: 9789386906786
  • Binding: Hardcover
  • Subject: Cookery & Food Services
  • Publisher: Niyogi Books
  • Publisher Imprint: NiyogiBook
  • Publication Date:
  • Pages: 132
  • Original Price: 495.0 INR
  • Language:
  • Edition: N/A
  • Item Weight: 500 grams

राजस्थान की थालीः स्वस्थ | स्वादिष्ट | सरल यह पुस्तक विषद, चुनिंदा, अद्वितीय पारम्परिक और स्वादिष्ट व्यंजनों की सरल, किंतु घरेलू विविध पाक विधियाँ प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक घरेलू ज्ञान को युवा पीढ़ी और बहुसांस्कृतिक पाठकों तक ले जाती है। खाने को स्वादिष्ट, सम्पूर्ण एवं पौष्टिक बनाने के लिए प्रत्येक रेसिपी को पूरक खाद्य पदार्थों के साथ मिश्रित किया गया है। जीवन-शैली में बदलाव के कारण आराम से बैठकर पूरा भोजन करने की जगह स्नैकिंग, ‘फिंगर फ़ूड‘ और ‘क्विक बाइट्स‘ जैसे हल्के भोजन ने ले लिया हैं। ये व्यंजन भोजन में पर्याप्त पौष्टिक मूल्यों को जोड़ते हैं। बहुआयामी कार्यशैली वाली पीढ़ी की खान-पान संबंधी आदतों और जीवन-शैली से उत्पन्न परिस्थितियों में यह सहायक सिद्ध होगी। चयनित व्यंजनों को पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है-अनाज, दाल, सब्जियाँ, मांसाहारी व्यंजन और त्योहारों के लिए विशेष व्यंजन। प्रत्येक रेसिपी को तैयारी का समय, खाना पकाने का समय, अवयवों, पोषण संबंधी मूल्यों और इसकी विविधताओं के लिए मानकीकृत किया गया है। विभिन्न जीवन-शैली, आयु वर्ग, शारीरिक क्षमता, पुरुषों और महिलाओं के लिए अनुशंसित पोषण के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। प्रत्येक रेसिपी के पोषक मूल्यों का आकलन अनुसंधान और संदर्भ के आधार पर बारीकी से किया गया है।Rajasthan on a platter: Healthy. Tasty. easy offers a wide, select and unique variety of traditional and tasty but simple homemade recipes. It transfers home-grown knowledge to the young generation and caters to multicultural readership. Each recipe has been combined with supplementary food items to present the concept of a tasty, wholesome and nutritious meal. They focus on a fast-changing society where ‘snacking’ is replacing full sit-down meals and ‘finger food’ and ‘quick bites’ fulfil the purpose of a light dinner. The dishes add plenty of nutritive value to the diet and cater to the eating habits and fast lifestyle of the Multi-Tasking generation. The select recipes are grouped in five categories—cereals, pulses, vegetables, non-vegetarian dishes and special dishes for festivals. Each recipe follows a standard format of preparation time, cooking time, ingredients, nutritional value and its variations, with information on the recommended nutritional allowances for different body types, lifestyles, age groups and genders. Nutritive values of the recipes based on research and reference have been minutely calculated.

सुमन भटनागर ने एम एस विश्वविद्यालय, बड़ौदा से एमएससी, उदयपुर विश्वविद्यालय से एम ए और गुजरात विश्वविद्यालय से पीएच डी किया है। वे 20 वर्षों तक कॉलेज ऑफ़ होम साइंस तथा डॉक्टरेट ऑफ़ एक्सटेंशन एजुकेशन, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, उदयपुर से सम्बद्ध रहीं। उन्होंने यूनिसेफ़, इंडिया के साथ प्रोजेक्ट ऑफ़िसर (एजुकेशन) के रूप में दो दशकों तक कार्य किया है और बहुत से देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वे बच्चों के अधिकारों एवं महिला सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए अपनी सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे पुस्तकें तथा पत्र-पत्रिकाओं में लेख भी लिखती हैं। उन्हें भ्रमण का शौक है और अपने अनुभवों के विषय में लिखना अच्छा लगता है। Suman Bhatnagar had completed her M.Sc., M.A. and Ph.D. from MS University, Baroda, Udaipur University and Gujarat University respectively. She was associated with teaching, research and extension at College of Home Science, and Directorate of Extension Education, Agriculture University, Udaipur for 20 years. She has worked as Project Officer (Education) with UNICEF, India for two decades and represented India in many countries. She is committed to render her services for ensuring the rights of children and empowerment of women. She is also writing books and articles in magazines and newspapers. Travelling is her passion and she enjoys writing about her experiences. पुष्पा गुप्ता ने एम एस विश्वविद्यालय, बड़ौदा से एमएससी, और गुजरात विश्वविद्यालय से पीएच डी किया है। वे 39 वर्षों तक कॉलेज ऑफ़ होम साइंस से सम्बद्ध रहीं तथा विभाग अध्यक्ष एवं कॉलेज ऑफ़ होम साइंस की डीन रहीं। उन्होंने कई पुस्तकें एवं शोध पत्र लिखे हैं। उन्हें कृषि महिला सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। वे सामाजिक कार्यों के लिए ग़ैर-सरकारी संस्थाओं से जुड़ी हैं और पत्र-पत्रिकाओं में लेख भी लिखती हैं। Pushpa Gupta did her M.Sc. and Ph.D. from MS University, Baroda and Gujarat University, Ahmedabad respectively. She had been associated with teaching, research and extension at College of Home Science for 39 years. Pushpa Gupta was head of the department and Dean of College of Home Science. She has several books and research papers to her credit and has received a national award for farm women empowerment. She is associated with NGOs for social work and also contributes articles for magazines. Translator डा. उषा कटारिया- एम. ए., पी. एच. डी. (संस्कृत), विगत 29 वर्षों से युनाइटेड स्ट्टेस लाइब्रेरी ऑफ़ काँग्रेस, नई दिल्ली में संस्कृत, गुजराती एवं अन्य़ भारतीय भाषा और साहित्य़ विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत। Dr. Usha Kataria after her M.A and PhD in Sanskrit, for last 29 years, has been working in United States Library of Congress, New Delhi as a Literary Expert in Sanskrit, Gujarati and other Indian languages.