मनुष्य स्वभाव से आनन्दप्रिय है। वह जीवन के हर पल को जीना चाहता है, उसका भरपूर आनन्द उठाना चाहता है। परन्तु कभी-कभी समस्त सुख-सुविधाओं के होते हुए भी परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती हैं कि वो तनाव में घिर जाता है। ऐसे तनावग्रस्त समय में भी हंसो-हंसाओ जैसे प्यारे शब्द सुनते ही हर मनुष्य का मन खुशी से फ़ूलों की भांति खिल उठता है। उसके भीतर नई उमंग और उत्साह का संचार होता है। हंसने से तनाव दूर होता है, शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है और हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। इसका मानव स्वास्थ्य पर आश्चर्यजनक प्रभाव पड़ता है। अतएव जीवन के सारे विकारों को मिटाने तथा सुंदर, संतुलित एवं स्वस्थ जीवन जीने के लिये हंसना ही एक मात्र उपाय है। इन्हीं अन्तर्निहित विशेषताओं के कारण हंसी को उपचार पद्धति के रूप में जाना जाने लगा है। आज "लाफ्रटर थेरेपी" की अवधारणा काफ़ी लोकप्रिय है।.