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Birju Maharaj: Saswati Sen

by Saswati Sen
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Book cover type: Hardcover
  • ISBN13: 9789389136326
  • Binding: Hardcover
  • Subject: Music, Theatre & Films
  • Publisher: Niyogi Books
  • Publisher Imprint: NiyogiBook
  • Publication Date:
  • Pages: 176
  • Original Price: 995.0 INR
  • Language:
  • Edition: N/A
  • Item Weight: 500 grams

पं. बिरजू महाराज न केवल एक बेजोड़ कथक नर्तक अपितु एक शानदार गायक, उदार शिक्षक, और कल्पनाशील चित्रकार भी हैं। यह पुस्तक हमें बताती है कि भारतीय नृत्य का यह प्रतीक, जो हज़ारों लोगों का मार्गदर्शक और दुनिया भर में अनगिनत लोगों की प्रेरणा है, वास्तव में अपनी कलात्मक दुनिया के बाहर एक सहज, सरल व्यक्ति है। दुर्लभ छायाचित्रों से परिपूर्ण यह पुस्तक एक ऐसे महान कलाकार के प्रति हृदयानुभूत श्रद्धा की अभिव्यक्ति है, जिसकी अनेक उपलब्धियाँ न केवल भारत में, अपितु पूरे विश्व में उल्लेखनीय हैं। जिनके अथक प्रयासों ने अनगिनत लोगों के जीवन को छुआ है और शास्त्रीय नृत्य रूप कथक के बारे में जागरूकता का प्रचार-प्रसार िकया है। दंतकथा बन चुके कथक सिरमौर पंडित बिरजू महाराज के इस संस्मरण में उनके व्यक्तित्व की एक-एक परत– उनकी सादगी, उनकी विनम्रता, उनकी उदारता– खुल कर सामने आती है। क़रीब 45 वर्षों से अधिक उनके सानिध्य में रह कर उनकी सबसे प्रमुख शिष्या शाश्वती सेन ने पं. बिरजू महाराज को जैसा देखा, समझा और जाना है, उसे स्पष्ट शब्दों बयाँ करने का भरसक प्रयास किया है। Pandit birju Maharaj is not only an unmatched Kathak dancer but also a superb vocalist, a generous teacher, and an imaginative painter. The book reveals how this icon of Indian dance, who is a mentor for thousands and an inspiration for countless people across the globe, is actually an unassuming, simple person outside his artistic world. Accompanied by rare photographs, this is a heartfelt tribute to a man who, among his many achievements, has spread awareness about the classical dance form of Kathak, not only in India, but abroad while touching innumerable lives along the way. This memoir of the legendary Kathak maestro Pandit birju Maharaj presents layers of his personality simplicity, modesty, generosity—as witnessed by one of his foremost disciples, Saraswati Sen, who has known him for over forty-five years.

कथक के प्रसिद्ध लखनऊ घराने के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में से एक शाश्वती सेन, अपने गुरु पं. बिरजू महाराज की कल्पना से उपजे संस्थान कलाश्रम की प्रेरक-संचालक शक्ति हैं। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, संस्कृति पुरस्कार, ंगार मणि पुरस्कार और क्रिटिक्स रिकमेंडेशन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने अन्य स्थानों तथा अवसरों के अतिरिक्त वाराणसी में रिम्पा (रवि शंकर इंस्टीट्यूट फॉर म्यूजिक एंड परफॉमिंग आट्स) महोत्सव, भोपाल में और जयपुर में कथक प्रसंग तथा प्रतिष्ठित खजुराहो महोत्सव में नृत्य प्रदर्शन किया है। नई दिल्ली में भारतीय कला केंद्र में रेबा चटर्जी विद्यार्थी से प्रारंभिक प्रशिक्षण पाने के बाद सन 1969 में उन्हें संस्कृति मंत्रालय की राष्ट्रीय छात्रवृत्ति प्राप्त हुई। इस छात्रवृत्ति के अंतर्गत उन्होंने पं. बिरजू महाराज का शिष्यत्व ग्रहण करके उनकी सबसे प्रमुख शिष्या बनने तक की यात्रा पूरी की। Saswati Sen, regarded as one of the best exponents of the famous Lucknow gharana of Kathak, is the driving force behind Kalashram, Pandit Birju Maharaj’s dream institution. She has received the Sangeet Natak Akademi Award, the Sanskriti Award, the Shringar Mani Award and the Critic’s Recommendation Award. She has performed at the RIMPA (Ravi Shankar Institute for Music and Performing Arts) festival in Varanasi, the Kathak Prasang in Bhopal and Jaipur and the prestigious Khajuraho Festival of dance, among others. After her initial training under Reba Chatterjee Vidyarthi at the Bharatiya Kala Kendra in New Delhi, she was awarded the National Scholarship in 1969 by the Ministry of Culture. She then graduated to become one of the foremost disciples of Pandit Birju Maharaj. Translator पत्रकार एवं पत्रकारिता शिक्षक के रूप में उत्तर भारत के विभिन्न प्रमुख हिंदी और अंग्रेज़ी समाचार-पत्रों एवं विश्वविद्यालयों में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे श्रीकांत अस्थाना को मुख्यतया हिंदी पत्रकारिता में तकनीकी समावेशन, नवाचार, मूल्यनिष्ठा एवं गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। वर्तमान में वह महाराष्ट्र के प्रमुख अंग्रेज़ी दैनिक लोकमत टाइम्स के उत्तर प्रदेश संवाददाता के रूप में कार्यरत हैं। अनुवादक के रूप में उन्होंने राजनीति, आयुर्वेद, कला आदि विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित पुस्तकों का अंग्रेज़ी से हिंदी तथा हिंदी से अंग्रेज़ी में अनुवाद किया है। Shrikant Asthana has held a senior position as a journalist in various prominent Hindi and English newspapers and journalism teacher in several universities. He is primarily known for technological inclusion, innovation, work determination and quality in Hindi Journalism. He is currently employed as a UP Correspondent in Maharashtra’s leading daily newspaper Lokmat Times. As a translator he has translated several books based on politics, Ayurveda and Art, from English to Hindi and vice versa.