Skip to content
Welcome To Atlantic Books! Upto 75% off Across Various Categories.
Upto 75% off Across Various Categories.

Bharat Ki Videsh Niti

by P.C. Jain
Save 30% Save 30%
Original price Rs. 750.00
Original price Rs. 295.00 - Original price Rs. 750.00
Original price Rs. 750.00
Current price Rs. 525.00
Rs. 207.00 - Rs. 525.00
Current price Rs. 525.00

Estimated Shipping Date

Ships in 1-2 Days

Free Shipping on orders above Rs. 1000

New Year Offer - Use Code ATLANTIC10 at Checkout for additional 10% OFF

Request Bulk Quantity Quote
Book cover type: Hardcover
  • ISBN13: 9788126919468
  • Binding: Hardcover
  • Subject: Politics and Current Affairs
  • Publisher: Atlantic Publishers & Distributors (P) Ltd
  • Publisher Imprint:
  • Publication Date:
  • Pages: 288
  • Original Price: 750.0 INR
  • Language:
  • Edition: N/A
  • Item Weight: 360 grams

किसी देश की विदेश नीति उसवेफ राष्ट्रीय हितों को अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रा में अभिव्यक्त करती है। राष्ट्रीय हितों को अलग-अलग ढंग से परिभाषित किया जाता है। वस्तुतः एक देश वेफ राष्ट्रीय हित उस देश वेफ एतिहासिक, भौगोलिक परिस्थितियों, सामाजिक, आर्थिक व्यवस्था और विशेष कर सत्तारुढ़ वर्ग वेफ हितों पर निर्भर करते हैं। इसी को आधर मान भारत की विदेश नीति का 1947 से लेकर अब तक विश्लेषण इस पुस्तक में किया गया है।
पुस्तक लिखने में इस बात का ध्यान रखा गया कि यह सामान्य ज्ञान वेफ साथ अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति वेफ छात्रा और छात्राओं तथा प्रशासनिक सेवाओं में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों वेफ लिए उपयोगी सि( हो सवेफ। अतः बहुत अध्कि विस्तार में ना जाकर यह प्रयास किया गया है कि भारत की विदेश नीति वेफ हर पक्ष की आवश्यक और पर्याप्त विवेचना हो जाये और उसकी समझ पर्याप्त हो जाये। इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि पुस्तक की भाषा सरल और सुगम हो।
भारत वेफ संयुक्त राज्य अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और अब रूस, चीन और पाकिस्तान से सम्बंधें का विस्तार से विवेचन किया गया है क्योंकि भारत की अन्तर्राष्ट्रीय नीति में इनका विशेष महत्व है। इसवेफ साथ-साथ इस बात का ध्यान रखा गया है कि एशिया में, चाहे वह उनमें दक्षिण एशिया हो या दक्षिण-पूर्व एशिया, अथवा सुदूर पूर्व या पश्चिमी एशिया, भारत की उपयुक्त भूमिका क्या होनी चाहिए। भारत वेफ संभाव्य महाशक्ति होने का भी उल्लेख है। यह सुझाव भी दिया गया है कि भारत, चीन, रूस और प्रफंास मिलकर शक्ति का एक नया ध््रुव बना सकते हैं। एक-ध््रुवीय व्यवस्था विश्व शांति और छोटे-छोटे देशों वेफ हित में नहीं हैं, अतः दूसरे ध््रुव की महती आवश्यकता है।

प्रो. पी.सी. जैन, सितम्बर 1951 में बुन्देलखण्ड डिग्री कालेज में राजनीति विज्ञान विभाग में प्रवक्ता के रूप में नियुक्त हुए। आपने 36 वर्ष स्नातक और परास्नातकीय कक्षा में राजनीति शास्त्र का अध्यापन किया। अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में और राज-दर्शन के पठन-पाठन में आपकी विशेष दिलचस्पी रही। जून 1987 में आपने रीडर और विभागाध्यक्ष के रूप में निवृत्ति प्राप्त की और कई शैक्षणिक, जन-कल्याणकारी शिक्षण और व्यवसायिक संस्थाओं से जुड़े रहे हैं।