प्रस्तुत पुस्तक, भारतीय विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर परीक्षाओं में समाजशास्त्र विषय में ग्रामीण समाजशास्त्र प्रश्नपत्र के लिए, पाठ्यपुस्तक के रूप में लिखी गई है। इससे विद्यार्थियों की क्या पढ़ें, कितना पढे़ और क्या न पढ़ें की समस्यायें हल हो जायेंगी। इस पुस्तक में विषय सामग्री भारतीय एवं पाश्चात्य विद्वानों की प्रामाणिक पुस्तकों तथा ग्रामीण समाज विषयक सरकारी आँकड़ों से एकत्रित की गई है। विषय का प्रस्तुतीकरण विश्लेषणात्मक प्रणाली से विभिन्न प्रकार के शीर्षकों तथा अधिक से अधिक बिन्दुओं में बांटकर किया गया है ताकि विद्यार्थियों को विषय को समझने में आसानी हो। पुस्तक की भाषा यथासंभव सरल है। प्राविधिक शब्द हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिये गए हैं। उद्धरणों को हिन्दी अनुवाद के साथ-साथ मूल अंग्रेजी में भी दिया गया है। विवादास्पद विषयों में संतुलित सर्वांगीण दृष्टिकोण अपनाया गया है। प्रत्येक अध्याय के अन्त में विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं में पूछे गए वास्तविक प्रश्नों से विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे। पुस्तक के अन्त में दी गई संदर्भ ग्रन्थ सूची से विस्तारपूर्वक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को निदर्शन मिलेगा।.
डॉ॰ राजेन्द्र कुमार शर्मा--एम॰ ए॰, एम॰ फिल॰, पी-एच॰ डी॰, आजीवन सदस्यः इन्डियन सोशियोलॉजिक सोसायटी; यू॰ पी॰, सोशियोलॉजिक सोसायटी; यू॰ जी॰ सी॰ रिसर्च फैलो। पिछले एक दशक से विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापन एवं लेखन में संलग्न रहे हैं। हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम से आपकी दर्जनों पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं।