यह पुस्तक समस्त भारतीय विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर समाजशास्त्रा वेफ नगरीय समाजशास्त्रा शीर्षक प्रश्न-पत्रा वेफ पाठ्यक्रम का पूर्णतया विवेचन करती है। इस पुस्तक में नगरीय समाजशास्त्रा का परिचय, नगरीय समाज वेफ विवरण पर ग्रामीण और नगरीय की तुलना, नगर का सामाजिक प्रभाव, भारत में नगरों में वृ(ि, नगरीय समुदाय वेफ लक्षण तथा नगरों वेफ प्रकार शीर्षक अध्याय दिये गए हैं। तत्पश्चात् नगरीय परिस्थितिशास्त्रा और व्यक्तित्व, नगरीय परिवार तथा जीवन वेफ सांस्कृतिक तथा सामाजिक-राजनैतिक पहलुओं का विवेचन किया गया है।
आधुनिक भारतीय नगरों पर विशेष प्रभाव डालने वाले कारक हैं: औद्योगीकरण, पश्चिमीकरण, लौकिकीकरण, आधुनिकीकरण तथा राजनीतिकरण। इन सभी की चर्चा पृथक अध्यायों में की गई है। इसवेफ बाद प्रमुख नगरीय समस्याओं जैसे नगरीय बेकारी, भीड़भाड़ और गन्दी बस्तियाँ, वेश्यावृत्ति, भिक्षावृत्ति, अपराध, किशोरापराध आदि का विवेचन पृथक अध्यायों में किया गया है।
अन्त में नगरीय दृष्टिकोण और सामाजिक परिवर्तन तथा नगर नियोजन का विश्लेषण करने वेफ बाद अन्तिम अध्याय में नगरीय आवास एवं विकास पर भारत सरकार वेफ प्रयासों को नवीनतम आँकड़ों से स्पष्ट किया गया है।
विषय वेफ प्रस्तुतीकरण की विश्लेषणात्मक प्रणाली, सरल भाषा, प्रामाणिक आँकड़े, अभ्यास वेफ लिए प्रश्न तथा विवादास्पद विषयों में सर्वांगीण प्रणाली इस पुस्तक की ऐसी विशेषतायें हैं जिससे यह एक आदर्श पाठ्यपुस्तक सि( होगी।
डॉ. राजेन्द्र कुमार शर्मा, एम.ए., एम.फिल., पी-एच.डी. पिछले एक दशक से विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापन एवं लेखन में संलग्न रहे हैं। हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम से आपकी दर्जनों पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं