यह पुस्तक समस्त भारतीय विश्वविद्यालयों में बी०ए० तथा एम०ए० समाजशास्त्र विषय में सामाजिक वैकारिकी, सामाजिक विघटन, भारत में सामाजिक विघटन, सामाजिक समस्यायें, अपराधशास्त्र, सामाजिक व्यवस्था, भारत में सामाजिक समस्यायें, सामाजिक विघटन और पुनर्गठन इत्यादि प्रश्न-पत्रों के पाठ्यक्रम के अनुरूप एक आदर्श पाठय-पुस्तक के रूप में लिखी गई है। विषय का विश्लेषणात्मक वर्णन, सर्वांग विवेचन एवं नवीनतम राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय आँकड़े इस पुस्तक को केवल विद्यार्थियों के लिये ही नहीं बल्कि शिक्षकों और सामान्य पाठकों के लिये भी अपरिहार्य बना देते हैं।
डॉ. रामनाथ शर्मा, एम.ए., डी.फिल., डी.लिट. अनेक दशकों तक विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापन, अनुसंधान एवं शोध निर्देशन में संलग्न रहे हैं। प्रधान सम्पादक Research Journal of Philosophy and Social Sciences, निदेशक श्री अरविन्द शोध संस्थान, डॉ. शर्मा एक दशक तक उत्तर प्रदेश दर्शन परिषद के अध्यक्ष रहे हैं। एक सौ से अधिक पुस्तकों एवं इतने ही शोध पत्रें के लेखक डॉ. शर्मा के निर्देशन में दो दर्जन से अधिक विद्वानों ने पी-एच.डी. उपाधि प्राप्त की है। डॉ. राजेन्द्र कुमार शर्मा, एम.ए., एम.फिल., पी-एच.डी. पिछले एक दशक से विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापन एवं लेखन में संलग्न रहे हैं। हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम से आपकी दर्जनों पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं