Bhartiya Sanvidhan
Ships in 1-2 Days
Free Shipping on orders above Rs. 1000
New Year Offer - Use Code ATLANTIC10 at Checkout for additional 10% OFF
Ships in 1-2 Days
Free Shipping on orders above Rs. 1000
New Year Offer - Use Code ATLANTIC10 at Checkout for additional 10% OFF
प्रस्तुत पुस्तक में संविधान की प्रस्तावना से लेकर संविधान वेफ संशोधन तक वेफ सभी पहलुओं एवं व्यावहारिक प्रयोग का आलोचनात्मक विवरण एवं मूल्यांकन दिया गया है। यूं तो भारत वेफ प्रत्येक नागरिक को संविधान का ज्ञान आवश्यक है परन्तु राजशास्त्रा वेफ विद्यार्थियों एवं शिक्षकों तथा राजनैतिक जीवन से सम्बन्धित सभी व्यक्तियों वेफ लिये इसकी जानकारी अपरिहार्य है। हर्ष है कि भारतीय विश्वविद्यालयों में बी. ए. तथा एम. ए. ;राजशास्त्राद्ध वेफ विद्यार्थियों वेफ लिए भारतीय संविधान का अध्ययन, अनिवार्य विषय है। प्रस्तुत पुस्तक को भारतीय संविधान पर एक आदर्श पाठ्य-पुस्तक वेफ रूप में प्रस्तुत किया गया है। सरल भाषा, विश्लेषणात्मक वर्णन, सर्वांगीण मूल्यांकन तथा प्रामाणिक स्रोतों से सामग्री का चयन आदि इस पुस्तक की विशेषताओं वेफ साथ प्रत्येक अध्याय वेफ अन्त में दिये गए अभ्यास वेफ लिये प्रश्नों से विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने में सहायता मिलेगी।
डॉ. उर्मिला शर्मा--प्रसिद्ध भारतीय राजशास्त्री स्वर्गीय डॉ. बी.एम. शर्मा की सुपुत्री डॉ. उर्मिला शर्मा ने सन् 1958-59 में आप रघुनाथ गर्ल्स कॉलिज मेरठ में राजशास्त्र विषय की प्राध्यापिका रहीं। सन् 1959 में आपको अनुसंधान हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से स्कॉलरशिप प्राप्त हुआ। 1959-1962 तक आप लखनऊ विश्वविद्यालय में यू.जी.सी. रिसर्च स्कालर रहीं। इसके बाद से आप लगातार अध्ययन, अनुसंधान एवं लेखन में लगी रहीं। सन् 1980 में आपको पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त हुई। डॉ. एस.के. शर्मा--एम.ए. (इतिहास), एम.ए. (राजशास्त्र), एल.एल.बी., पी-एच.डी. (लन्दन) निवर्तमान अध्यक्ष राजशास्त्र विभाग, मेरठ कॉलिज, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, लगभग 50 शोध लेखों एवं अनेक पुस्तकों के रचयिता, लगभग तीन दशक तक स्नातकोत्तर अध्यापन एवं अनुसंधान कार्य किया। आपको हेरोल्ड लास्की पर शोध कार्य के लिये लन्दन विश्वविद्यालय ने पी-एच.डी. की उपाधि से विभूषित किया।