Maharishi Dayanand Aur 1857 Kranti by A.K. Gandhi.
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वह साधु, जिसे समकालीन दस्तावेज हिन्दू फकीर बताते हैं, अपने घर से भाग निकला था एक उच्च प्रयोजन को सिद्ध करने, लेकिन ऐसा करने में उसके मार्ग में अड़चन बनी थी वह मांग कि उसे पहले अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ना होगा, लेकिन वह ऐसा करना नहीं चाहता था। जब अपना प्रयोजन सिद्ध करने के लिए उसे कोई अन्य मार्ग नहीं मिला तो वह उठ खड़ा हुआ साम्राज्यवादी ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध, और बिना शस्त्र उठाए ही उसने उसका राज समाप्त करने के लिए उस क्रांति को धरातल पर उतारा वह क्रांति जिसे हम जानते हैं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नाम से। • वह क्रांति जिसमें अपने प्राणों की आहुति डालने वाले लोगों की संख्या हजारों में नहीं, लाखों में है। • वह क्रांति जिसने आने वाले समय में हमारे स्वाधीनता संग्राम के प्रेरणा-स्रोत के रूप में काम किया।
• वह क्रांति जिसने हमारे देश को एक नई दिशा प्रदान की। • इससे भी अधिक रोमांचक है वह तथ्य जब उसकी योजना विफल हो गई। तब उसने क्या किया? क्या वह अपने उद्देश्य में सफल हुआ? • कौन था वह रहस्यमयी साधु? उसने अपनी पहचान पूरी तरह से गुप्त बनाए रखी, लेकिन क्यों? इतने महत्त्वपूर्ण योगदान का श्रेय उसने क्यों नहीं लिया? • शोध-आधारित इस पुस्तक में अनेक ऐसे रहस्य खुलेंगे जो आपको दाँतों-तले उंगली रखने को विवश कर देंगे।ए. के. गांधी सुविख्यात इतिहासकार, लेखक व अनुवादक हैं। वह दोनों हिन्दी व अंग्रेजी में लिखते हैं। इतिहासकार के रूप में उनकी कुछ पुस्तकें हैं - ‘1857 क्रांति व क्रांतिधरा’ (राश्ट्रीय पुस्तक न्यास), ‘प्रताप, शिवाजी और छत्रसाल’ (मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी, यह दो वर्श तक राज्य के पाठ्यक्रम में रही), ‘भारतीय थल सेना-बढ़ते कदम’ (किताबघर) व Dance to Freedom (फिंगरप्रिंट्स)। उन्होंने अनेक व्यापारिक व्यक्तित्वों, राजनेताओं और खिलाड़ियों की जीवनियां लिखी हैं जिनमें स्वामी रामदेव, इंद्रा नूयी, रतन टाटा, अब्दुल कलाम व अन्य अनेक सम्मिलित हैं। मुकेश अंबानी पर उनकी जीवनी को इकाॅनाॅमिक टाइम्स ने प्रथम स्थान दिया था और आजतक रेडियो ने सुचेता कृपलानी पर उनकी जीवनी पर कार्यक्रम किया था। दैनिक जागरण, अमर उजाला आदि समाचार-पत्रों ने उन पर लेख भी लिखे हैं। लेखक के रूप में उनकी कुछ प्रसिद्ध पुस्तकों में Language Across the Curriculum, Understanding Disciplines and Subjects, Text Reading and Reflection आदि सम्मिलित हैं। अनुवादक के रूप में उन्होंने अनेक पुस्तकों पर कार्य किया है जिनमें ‘रेजांग ला का युद्ध’ (पेंग्विन-NBT), ज्योतिपुंज (नरेंद्र मोदी द्वारा लिखित, प्रभात प्रकाशन), गोंड (राश्ट्रीय पुस्तक न्यास) व अन्य अनेक शामिल हैं। वह प्रधानमंत्री युवा लेखन योजना के अंतर्गत मेंटोर भी रहे हैं और उनके निर्देशन में तीन युवा लेखकों की पुस्तकें राश्ट्रीय पुस्तक न्यास से प्रकाशित हो चुकी हैं