Sanchar Madhyam: Tab Aur Ab
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प्रस्तुत पुस्तक संचार माध्यमः तब और अब - उपयोग, प्रभाव और बदलता परिदृश्य, संचार के विभन्न साधनों और उनके प्रभावों का सारगर्भित परिचय प्रस्तुत करती है। संचार माध्यम, जैसे कि समाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट और सामाजिक मीडिया, समाज में सूचना के आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण साधन हैं। ये माध्यम न केवल ज्ञान और जानकारी फैलाने में मदद करते हैं, बल्कि समाज की सोच, संस्कृति और मूल्यों को भी आकार देते हैं। न्यू मीडिया का स्वरूप तेजी से बदल रहा है और यह परिवर्तन पारंपरिक मीडिया को भी गहराई से प्रभावित कर रहा है। वर्तमान पुस्तक में न्यू मीडिया के उभरते विभिन्न आयामों और अवधारणाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला है। इस पुस्तक में संचार माध्यमों के विकास, उनके कार्य, और समाज पर उनके प्रभाव की विस्तृत चर्चा साथ ही भविष्य के संचार माध्यमों की संभावनाओं का भी अन्वेषण किया है। विभिन्न छात्र और शिक्षार्थी, प्रोफेशनल्स और पत्रकार, शोधकर्ता और विद्वान, मार्केटिंग और विज्ञापन पेशेवर, सामाजिक कार्यकर्ता, सामान्य पाठक के लिए यह पुस्तक संचार के प्रभावी तरीकों को समझने में सहायक हो सकती है। विभिन्न पृष्ठभूमियों और आवश्यकताओं के लोगों के लिए यह पुस्तक एक उपयोगी स्रोत है, जो संचार के क्षेत्र में ज्ञान और समझ को बढ़ाने में मदद करती है।
डॉ. सृचना सचदेवा वर्तमान में धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय, नरेंद्रनगर, उत्तराखंड के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में प्राध्यापक हैं। अपने 17 वर्षों के शैक्षणिक करियर में, उन्होंने जागरण इंस्टीट्यूट आफॅ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, कानपुर और छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में भी अध्यापन का कार्य किया है। डॉ. सचदेवा की रुचि न्यू मीडिया और समाज के अंर्तसबंधों, विज्ञापन और जनसंपर्क, तथा मीडिया शोध जैसे विषयों में है। इससे पहले, इनकी पुस्तक न्यू मीडिया: संचार का बदलता स्वरूप 2019 में प्रकाशित हो चुकी है, जिसमें उन्होंने इस क्षेत्र में अपने गहन शोध और अनुभवों को साझा किया है।