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Chaturang

by Shailendra Sagar
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Book cover type: Hardcover
  • ISBN13: 9788170557845
  • Binding: Hardcover
  • Subject: Hindi Literature
  • Publisher: Vani Prakashan
  • Publisher Imprint: Vani Prakashan
  • Publication Date:
  • Pages: 428
  • Original Price: INR 395.0
  • Language: Hindi
  • Edition: N/A
  • Item Weight: 650 grams
  • BISAC Subject(s): General

'चतुरंग' में प्रत्यक्ष और अदृश्य रूप में सम्पूर्ण जीवन को आक्रान्त करती उस राजनीति का घनीभूत चित्रण है जो विकास योजनाओं की नियति निर्धारित करती है। समाजशास्त्र में नये समीकरण बनाते सवर्ण-दलित द्वन्द्व परम्परा बनाम आधुनिकता के संघर्ष और दलित नेतृत्व पर काबिज़ होने की होड़ को बिना किसी सैद्धान्तिक पूर्वाग्रह के यहां पढ़ा जा सकता है। शैलेन्द्र सागर का यह प्रथम उपन्यास 'चतुरंग' अनेक संदर्भो में दलित आख्यान के कुछ नवीन प्रस्थान निर्मित करता है। इसमें समकालीन ग्रामीण संरचना में सांस लेती दरभिसंधियों को उद्घाटित किया गया है। प्रतिरोध का पक्ष रचते वे स्वप्न भी हैं जो विवेक, समता, बंधुत्व और न्याय पर आधारित मानवीय समाज को मूर्त करना चाहते हैं। कहना न होगा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक गाँव ठाकुरपुरवा के यथार्थ का अन्वेषण करते हुए लेखन ने 'स्वातंत्र्योत्तर ग्राम-संग्राम' की अनुगूंजों को आत्मसात किया है। ...इस तरह कि यह सब पाठक के अनुभव का हिस्सा बन जाय। उपन्यास की आंतरिक आंच को तीव्र करती हैं मनोज-नयनी और रमेश-आशा की प्रेम कहानियाँ। जीवन की सहज रागात्मक स्वीकृतियों की अमानवीय अस्वीकृतियों तथा उनकी बर्बर परिणति हेतु उत्तरदायी शक्तियों को उपन्यासकार ने तटस्थ प्रामाणिकता के साथ चिन्हित किया है। इन प्रसंगों में विडंबनाएँ अत्यंत मार्मिक ढंग से व्यंजित हुई हैं। गुलजार और संतोषी की अंतर्कथा दलित समाज में सिर उठाती विसंगतियों को वास्तविकता के आलोक में परखती है। ‘पंच परमेश्वर' की आवधारणा में पड़ रही दरारों से झाँकते लोकतंत्र की जमीनी शिनाख्त उपन्यास को महत्वपूर्ण बनाती है। यह प्रश्न बार-बार बेचैन करता है कि हर घटना को अपने हित में खपाने की मनोवृत्ति समाज को कहां ले जायेगी। सर्वोपरि विशेषता यह है कि 'चतुरंग' का भाषिक विन्यास सहजता की सार्थक शक्ति से ओतप्रेत है। आंचलिक उपादानों का सार्वदेशिक रूपान्तरण करते हुए शैलेन्द्र सागर ने 'वृत्तांत में विमर्श' की ऊर्जा भर दी है, यह उल्लेखनीय है।

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