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Antarrashtriya Vittiya Poonji Ka Samrajya

by Ram Nivas Bairwa
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Book cover type: Hardcover
  • ISBN13: 9788126928668
  • Binding: Hardcover
  • Subject: Economics
  • Publisher: Atlantic Publishers & Distributors (P) Ltd
  • Publisher Imprint:
  • Publication Date:
  • Pages: 208
  • Original Price: 595.0 INR
  • Language:
  • Edition: N/A
  • Item Weight: 370 grams

सन् 2016 में भारत सरकार की तरफ से किये गये प्रचलित मुद्रा के लगभग 85 प्रतिशत मुद्रा के नोटों का विमुद्रीकरण, जिसे आम भाषा में नोटबंदी कहा गया है, के पीछे के बताये गये कारणों ने भारत में आम आदमी को भी अर्थशास्त्र के सामान्य ज्ञान का पाठ पढ़ा दिया।विकास पैसों की मांग से नहीं मापा जा सकता बल्कि देश के किसानों, मजदूरों और उनके परिवारों के जीवन स्तर से मापा जाता है। ठेकेदारों और दलालों (एजेंटों) पर निर्भर अर्थव्यवस्था देश को कहीं पर भी नहीं ले जा सकती सिवाय अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय पूंजी के पोषण के, क्योंकि भारत जैसे देशों में ठेकेदारी और दलाली की शुरूआत अंग्रेजी शासन द्वारा व्यापारिक पूंजी की सेवा के लिये की गयी थी। अतः उनके विकास की परिभाषा सिर्फ पैसों के इर्द-गिर्द ही घूमती है।सभी विकासशील देशों का यही अर्थशास्त्र है, जहाँ वह अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय पूंजी में अपना-अपना हित साधने में लगे हुए हैं।
अर्थशास्त्र की इसी दिशा को केन्द्रित करके यह पुस्तक अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय पूंजी का साम्राज्य लिखी गयी है जिसके 15 अध्यायों में पूंजी और मुद्रा के संक्षिप्त इतिहास के साथ राजनीति अन्तर्संबद्धता को दर्शाया गया है।हिन्दी भाषा में इस विषय पर यह पहली पुस्तक कही जा सकती है।