Vibhinn Yojnaao Mein Swyam Sahayata Samooh: Ek Vyavaharik Margdarshika
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गरीबी उन्मूलन वेफ क्षेत्रा में सूक्ष्म वित्त की सार्थकता निर्विवाद है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2005 को अन्तर्राष्ट्रीय सूक्ष्म वित्त वर्ष घोषित करना और वर्ष 2006 का शान्ति का नोबेल पुरस्कार इसी क्षेत्रा में दिया जाना सूक्ष्म वित्त वेफ महत्व को दर्शाता है। भारत सरकार ने भी गरीबों, विशेषकर महिलाओं क्ेफ सशक्तिकरण वेफ क्षेत्रा में सूक्ष्म वित्त की भूमिका को महसूस किया। इसी आधार पर अनेक राज्य एवं वेफन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा विभिन्न विकास परियोजनाओं को स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है। प्रस्तुत पुस्तक, जो सम्भवतः इस विषय पर भारत में प्रकाशित होने वाली पहली पुस्तक है, वेफ माध्यम से स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित सरकार की प्रमुख वित्त योजनाओं वेफ विषय में महत्वपूर्ण जानकारियों को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। सरल भाषा में अत्यन्त सुव्यवस्थित ढंग से लिखी गई यह पुस्तक सूक्ष्म वित्त वेफ क्षेत्रा में कार्य करने वाले सभी व्यक्तियों, चाहे वह साधारण पाठक हो या विशेषज्ञ, का उचित मार्ग-निर्देशन करती है। इस पुस्तक में ‘शब्दावली’ वेफ अन्तर्गत बैंविंफग क्षेत्रा क्ेफ कठिन शब्दों की सरल व्याख्या की गई है। इससे निस्संदेह आम पाठकों को विषय को समझने में बड़ी मदद मिलेगी। दस अध्यायों तथा 19 अनुलग्नकों की सहायता से भारत में लघु वित्त से संबंधित समस्त जानकारियों को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने की कोशिश निश्चित रूप से सराहनीय है। उ(रणों, चित्रों और सपफलता की प्रेरणादायक कहानियों वेफ माध्यम से इस विषय को और भी रोचक बनाने का प्रयास किया गया है। ऐसा विश्वास है कि यह मार्गदर्शिका देश में स्थित प्रत्येक ग्रामीण बैंक, सभी सरकारी विभागों और स्वयं सहायता समूह से जुड़े सभी गैर-सरकारी संगठनों वेफ लिए अपरिहार्य साबित होगी।