Qahar
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विमल का विस्फोटक संसार
विमल का संकल्प था कि दिल्ली जाकर बीवी और बच्चे के साथ एक साधारण गृहस्थ बन कर रहेगा; अपने हाहाकारी अतीत को पूरी तरह से भुला देगा । हमेशा के लिए भूल जायेगा कि गुज़श्ता ज़िन्दगी तक़दीर के खंजर से वक़्त की दीवार पर खूंरेज अलफ़ाज़ में उकेरी थी ।
तूफान से पहले की शांति कॆ एक रोज़ ऐसा अंधड़ उठा कि वो उसके साथ तिनके की तरह उड़ता चला गया और जब होश आया तो ख़ुद को वहाँ पाया जहाँ न होने का उसका संकल्प था।.
सुरेन्द्र मोहन पाठक का जन्म 19 फरवरी, 1940 को पंजाब के खेमकरण में हुआ था। विज्ञान में स्नातक की उपाधि हासिल करने के बाद उन्होंने भारतीय दूरभाष उद्योग में नौकरी कर ली। युवावस्था तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लेखकों को पढ़ने के साथ ही उन्होंने इयन फ़्लेमिंग, मारियो पूज़ो और जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यासों का अनुवाद शुरू कर दिया और इसके बाद आप मौलिक लेखन करने लगे।
सुरेन्द्र मोहन पाठक के सबसे प्रसिद्ध उपन्यास असफल अभियान और खाली वार थे, जिसने पाठक जी को प्रसिद्धि के सबसे ऊँचे शिखर पर पहुँचा दिया। इसके पश्चात उन्होंने अभी तक पीछे मुड़ कर नहीं देखा है।
उनका पैंसठ लाख की डकैती नामक उपन्यास अंग्रेजी में भी छपा और उसकी करोड़ों प्रतियाँ बिकने की खबर चर्चा में रही।