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Hindi Sahitya: Paramparagat vivaad Ewam Naye Samadhaan

by Ganpati Chandra Gupt
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Book cover type: Hardcover
  • ISBN13: 9788126905645
  • Binding: Hardcover
  • Subject: Hindi Literature
  • Publisher: Atlantic Publishers & Distributors (P) Ltd
  • Publisher Imprint:
  • Publication Date:
  • Pages: 154
  • Original Price: 195.0 INR
  • Language:
  • Edition: N/A
  • Item Weight: 160 grams

हिन्दी समीक्षा का सूत्रपात ही विभिन्न विवादों से हुआ--आरम्भ में लाला श्री निवासदास के संयोगिता स्वयंवर नाटक की महत्ता को लेकर आलोचकों में वाद-विवाद छिड़ गया तो आगे चलकर बिहारी बड़े हैं या देव? का विवाद छिड़ा। इसी प्रकार हिन्दी साहित्य के आदिकाल को तो हिन्दी के दिग्गज आचार्य एवं इतिहासकार पं. हजारीप्रसाद द्विवेदी ने सर्वाधिक विवादास्पद घोषित किया है, किन्तु अन्य काल भी विवादों से मुक्त नहीं हैं।

इस प्रकार हिन्दी में न जाने कितने विवाद उठे और बिना किसी निर्णय के ही धीरे-धीरे शान्त हो गये। शान्त होने का कारण यह नहीं है कि उनका समाधान मिल गया अपितु यह है कि विद्वानों ने असफल और निराश होकर उनसे मुंह मोड़ लिया। भले ही काल के अन्तराल के कारण इनमें से कुछ विवाद गौण हो गये हों किन्तु बहुत से ऐसे भी हैं जो आज भी उपयुक्त समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं। प्रस्तुत पुस्तक में ऐसे ही कुछ विवादास्पद विषयों को लेकर उनके समाधान प्रस्तुत करने की चेष्टा की गयी है। लेखक नहीं कहता कि ये समाधान अन्तिम हैं, किन्तु इस बात का दावा वह अवश्य करता है कि ये नये हैं, मौलिक हैं। अब यह प्रबुद्ध पाठकों एवं विद्वानों का कार्य है कि इन समाधानों की संतुलित रूप में परीक्षा करें।