Hindi Literature
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The Making of Modern Hindi: Literary Authority in Colonial North India
About the Book The Making of Modern Hindi examines the politics and processes of making Hindi modern at a formative moment in India's history, when...
View full detailsCultural Identity in Hindi Plays: Poetics, Politics, and Theatre in India
About the Book This book deals with the interface between identity, culture and literature. It studies questions of cultural identity and gender in...
View full detailsMohammed Rafi: Svayan Iswar Ki Awaaz
Mohammed Rafi: Svayan Iswar Ki Awaaz-(Hindi)
Panchtattvas - Vol. 1 & 2: The Road Ahead
This book, a two-volume set, contains thought-provoking essays on sustainable development as well as award-winning photographs from Photosphere 201...
View full detailsChintamani : Vol. 1
‘‘यदि वाणी की शक्ति ईश्वर का सबसे उत्तम प्रसाद है; यदि भाषा की उत्पत्ति बहुत-से विद्वानों द्वारा ईश्वर से मानी गयी है? यदि शब्दों द्वारा अन्तःकरण क...
View full detailsYahan Vitasta Bahti Hai
Personalty Development
Pandit Nehru Aur Anya Mahapurush (Hindi) Hardcover – 1 January 2008
Pandit Nehru Aur Anya Mahapurush
Khalil Gibran: Kavya Sankalan
कवि, ज्ञानी और चित्रकार खलील जिब्रान ने लेबनान में जन्म लिया, जहां की धरती ने अनेक पैगम्बर उत्पन्न किये हैं। अरबी भाषा के ही नहीं अपितु विश्वभर में...
View full detailsKhalil Gibran (Vol. 3)
कवि, ज्ञानी और चित्रकार खलील जिब्रान ने लेबनान में जन्म लिया, जहां की धरती ने अनेक पैगम्बर उत्पन्न किये हैं। अरबी भाषा के ही नहीं अपितु विश्वभर में...
View full detailsKhalil Gibran (Vol. 2)
कवि, ज्ञानी और चित्राकार खलील जिब्रान ने लेबनान में जन्म लिया, जहां की धरती ने अनेक पैगम्बर उत्पन्न किये हैं। अरबी भाषा के ही नहीं अपितु विश्व भर म...
View full detailsKhalil Gibran (Vol. 1)
खलील जिब्रान, 1883-1931, कवि, ज्ञानी और चित्राकार खलील जिब्रान ने लेबनान में जन्म लिया, जहां की ध्रती ने अनेक पैगम्बर उत्पन्न किये हैं। अरबी भाषा व...
View full detailsKhalil Gibran (MULTI VOL SET-4 Vols.)
खलील जिब्रान, 1883-1931, कवि, ज्ञानी और चित्रकार खलील जिब्रान ने लेबनान में जन्म लिया, जहां की धरती ने अनेक पैगम्बर उत्पन्न किये हैं। अरबी भाषा के ...
View full detailsHindi Sahityetihas
Hindi Sahityeitihaas: Paramparagat Drishtikon Ewam Naye Siddhant
डॉ॰ गणपतिचन्द्र गुप्त (1928 ई॰) हिन्दी के यशस्वी साहित्यकार एवं समालोचक हैं। आपने क्रमशः पंजाब विश्वविद्यालय में प्रथम श्रेणी में एम॰ए॰ (हिन्दी), प...
View full detailsHindi Sahitya: Paramparagat vivaad Ewam Naye Samadhaan
हिन्दी समीक्षा का सूत्रपात ही विभिन्न विवादों से हुआ--आरम्भ में लाला श्री निवासदास के संयोगिता स्वयंवर नाटक की महत्ता को लेकर आलोचकों में वाद-विवाद...
View full detailsAadhunik Sahitya Aur Sahityekaar
प्रस्तुत पुस्तक में पच्चीस लेख या निबन्ध संगृहीत हैं, जिनमें आधुनिक युग वेफ प्रमुख साहित्यकारों एवं उनकी महत्त्वपूर्ण कृतियों पर निजी दृष्टिकोण से ...
View full detailsAacharya Hajari Prasad Dwivedi: Vyaktitwa Ewam Sahitya
हिन्दी साहित्य के विकास में आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का महघ्घ्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने हिन्दी गद्य की विभिन्न विद्याओंघ्घ्समीक्षा, साहित्येति...
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