Bharat Ka Itihaas: Praagaitihasik Kal Se Aadhoonik Kaal Tak - Ek Vivechanatmak Adhyayan
Ships in 1-2 Days
Free Shipping in India on orders above Rs. 500
Ships in 1-2 Days
Free Shipping in India on orders above Rs. 500
प्रस्तुत पुस्तक ‘भारत का इतिहास’ में प्रागैतिहासिक काल से आध्ुनिक काल तक वेफ राजनीतिक, सांस्वृफतिक, आर्थिक एवं सामाजिक परिवेश एवं तद्जनित परिवर्तनों का विवेचनात्मक अध्ययन का प्रयास निहित है। यह पुस्तक संघ लोक सेवा आयोग एवं प्रान्तीय लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेज़ प्रतियोगी परीक्षाओं व यू॰ जी॰ सी॰ ;नेटद्ध परीक्षाओं तथा विश्वविद्यालयों वेफ स्नातक व स्नातकोत्तर कक्षाओं वेफ विद्यार्थियों-परीक्षार्थियों वेफ मानकस्तर का ध्यान रखते हुये स्तरीय ढंग से लिखी गयी है। हिन्दी में भारतीय इतिहास पर अच्छे मौलिक ग्रन्थों का नितान्त अभाव हैऋ इस कमी को पूरा करने तथा हिन्दी भाषी प्रान्तों वेफ छात्रों, प्रत्याशियों की आवश्यकता को दृष्टि में रखकर इस पुस्तक को अध्किाध्कि स्तरीय बनाने का प्रयास इस पुस्तक में निहित है। पुस्तक में दिये गये मानचित्रा समकालीन ऐतिहासिक भूगोल को समझने व तत्सम्बन्ध्ति प्रश्नों वेफ उत्तर देने में सहायक सि( होंगे। पुस्तक में नवीनतम् शोधें को सन्निहित करवेफ एवं परीक्षा की आवश्यकताओं को दृष्टि में रखते हुये जन-जातीय आंदोलनों, निम्न जाति एवं वृफषक आंदोलनों, स्वतन्त्राता आंदोलन वेफ क्रमिक चरणों वेफ सम्बन्ध् में अत्यन्त समृ( सामग्री प्रस्तुत की गयी है। पुस्तक की विषय सामग्री वेफ चयन, उसवेफ प्रस्तुतीकरण और व्याख्याओं की दृष्टि से विभिन्न इतिहासकारों वेफ विचारों को सम्मिलित करते हुये सामग्री वेफ लेखन में पूर्वाग्रहों से पूर्णतः मुक्त रहने का प्रयास इस पुस्तक की विशेषता है। विद्यार्थियों को उचित प्रकार से उत्तर लिखने की कला में निपुण बनाने वेफ उद्देश्य से इस पुस्तक की रचना की गई है।
डॉ॰ मानिक लाल गुप्त, तीस वर्ष के निरन्तर अध्यापन कार्य व शोध-योजनाओं के निर्देशन के उपरान्त वाई॰ डी॰ पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, लखीमपुर खीरी (कानपुर विश्वविद्यालय से संबंद्ध) के विभागाध्यक्ष (इतिहास) पद से सेवानिवृत्त इतिहास लेखक हैं। लगभग तीन दर्जन शोध-पत्र भारत एवं पाकिस्तान में प्रकाशित हो चुके हैं और एक दर्जन से अधिक छात्रें ने उनके निर्देशन में शोध-प्रपत्रें को पूर्ण कर पी-एच॰ डी॰ की उपाधि प्राप्त की हैं। इनके अतिरिक्त कई शोध-कार्यों -- इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज (इन्टेक) द्वारा अनुदानित "खीरी जनपद का क्षेत्रीय इतिहास", इंडियन कौंसिल फॉर हिस्टोरिकल रिसर्च (आई सी एच आर) द्वारा अनुदानित "उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महिलाओं की चेतना"--को पूर्ण किया है।