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Madhyakaalin Bharat Ka Itihaas: Arab, Turkoon Ke Aakraman Tatha Dilli Ke Prarambhik Turk Sultan (711 A.D.-1290 A.D.)

by Manik Lal Gupt
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Book cover type: Hardcover
  • ISBN13: 9788171567713
  • Binding: Hardcover
  • Subject: History
  • Publisher: Atlantic Publishers & Distributors (P) Ltd
  • Publisher Imprint: Atlantic
  • Publication Date:
  • Pages: 192
  • Original Price: INR 350.0
  • Language: Hindi
  • Edition: N/A
  • Item Weight: 200 grams
  • BISAC Subject(s): General

इस कृति में मध्यकालीन भारत की छः शताब्दी (आठवीं शताब्दी से तेरहवीं शताब्दी) में हुये क्रमिक परिवर्तनों के अन्तर्गत संपत्तिगत संबंधों के स्वरूप 'नेचर आफ प्रापर्टी रिलेशन्स', जागीरदारी व्यवस्था और ग्राम समुदाय (विलेज कम्युनिटी) की कार्यप्रणाली और समकालीन सामाजिक संबंधों को उजागर करने का प्रयास किया गया है। कृष्षि-संबंधों के नवीन स्वरूप के कारण शहरीकरण (अर्बनाइजेशन) की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया है; इस शहरीकरण की प्रक्रिया को गतिमान बनाने में दिल्ली सल्तनत के योगदान को भी स्पष्ष्ट किया गया है। इतिहास समस्त सामाजिक विज्ञानों का 'आलेखागार' है; इस दृष्ष्टि से इतिहास ने विभिन्न सामाजिक विज्ञानों के बीच की विभाजन रेखाओं को मिटाने में अप्रतिम योगदान दिया है, इस प्रकार के ऐतिहासिक अध्ययन ने मानवीय विकास को स्पष्ष्ट किया है। प्रस्तुत पुस्तक में इसी आधुनिक ऐतिहासिक दृष्ष्टिकोण का अनुसरण किया गया है इसके अतिरिक्त प्रस्तावित अध्ययन काल से संबंधित लगभग समस्त पक्षों-राजनीति और राजतंत्र, राज्य एवं धर्म आर्थिक एवं तकनीकी विकास, धार्मिक-सामाजिक आंदोलन के क्रमिक बिन्दु, सांस्कृतिक प्रगति एवं तत्कालीन ऐतिहासिक लेखन आदि सभी विष्षयों का यथासंभव संतुलित विवेचन का प्रयास इस कृति में निहित है।

डॉ॰ मानिक लाल गुप्त, तीस वर्ष के निरन्तर अध्यापन कार्य व शोध-योजनाओं के निर्देशन के उपरान्त वाई॰ डी॰ पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, लखीमपुर खीरी (कानपुर विश्वविद्यालय से संबंद्ध) के विभागाध्यक्ष (इतिहास) पद से सेवानिवृत्त इतिहास लेखक हैं। लगभग तीन दर्जन शोध-पत्र भारत एवं पाकिस्तान में प्रकाशित हो चुके हैं और एक दर्जन से अधिक छात्रें ने उनके निर्देशन में शोध-प्रपत्रें को पूर्ण कर पी-एच॰ डी॰ की उपाधि प्राप्त की हैं। इनके अतिरिक्त कई शोध-कार्यों -- इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज (इन्टेक) द्वारा अनुदानित "खीरी जनपद का क्षेत्रीय इतिहास", इंडियन कौंसिल फॉर हिस्टोरिकल रिसर्च (आई सी एच आर) द्वारा अनुदानित "उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महिलाओं की चेतना"--को पूर्ण किया है।

  • 1. भारत पर अरबों का आक्रमण (मुहम्मद बिन कासिम)
  • 2. भारत पर तुर्कों के आक्रमण(ग्यारहवीं सदी में महमूद गजनवी )
  • 3. भारत पर तुर्कों के आक्रमण(बारहवीं सदी में मुहम्मद गोरी )
  • 4. दिल्ली के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान(सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक)
  • 5. दिल्ली के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (सुल्तान इल्तुतमिश: दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक)
  • 6. दिल्ली के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (इल्तुतमिश के उत्तराधिकारी: चिहलगानी संघर्ष)
  • 7. दिल्ली के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (सुल्तान बलबन: तुर्की नस्ल की श्रेष्ठता का प्रतिपादक)
  • 8. दिल्ली के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (सुल्तान मुईजुद्दीन वैफवुफबाद: खलजी क्रांति)
  • 9. दिल्ली के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (सल्तनत का स्वरूप: उलमा वर्ग और धार्मिक नीति)
  • 10. दिल्ली के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (उत्तर-पश्चिम सीमान्त: मंगोल समस्याओं और मंगोलों के प्रति नीति )
  • 11. दिल्ली के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (प्रशासन: सैन्य-व्यवस्था)
  • 12. दिल्ली के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (तकनीकी और आर्थिक विकास: सामाजिक परिवर्तन)
  • 13. दिल्ली के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (संस्कृति: कला)

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