भारत में जातियां (Bharat Mein Jatiyan)
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किताब के बारे में-डॉ बी आर अम्बेडकर ने "कास्ट्स इन इंडिया" में भारत में जाति व्यवस्था की उत्पत्ति और सामाजिक निहितार्थों की आलोचनात्मक जांच करते हैं। सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख व्यक्ति, अम्बेडकर का तर्क है कि जाति केवल एक सामाजिक पदानुक्रम नहीं है, बल्कि एक गहरी जड़ें जमा चुकी व्यवस्था है जो असमानता को कायम रखती है। वह जाति संरचनाओं को खत्म करने की वकालत करते हैं और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के उत्थान के लिए सामाजिक न्याय और समानता के महत्व पर जोर देते हैं।
लेखक के बारे में: भीमराव अंबेडकर (1891-1956) भारतीय संविधान के निर्माता थे। वह एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और एक प्रख्यात न्यायविद थे। अस्पृश्यता और जाति-बंधनों जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने में अम्बेडकर का प्रयास उल्लेखनीय था। भीमराव अंबेडकर ने अपने पूरे जीवन में दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में डॉक्टर अम्बेडकर को देश के प्रथम विधिमंत्री के रूप में नियुक्त्त किया गया था। मरणोपरांत वर्ष 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।