संघ सेवा समृद्धि और समाज (Sangh Seva Samrddhi Aur Samaaj)
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पुस्तक के बारे में: भारतीय समाज की प्रगति और समृद्धि की दिशा में कई संस्थाएं और संगठन योगदान देते हैं, जिनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रमुख स्थान है। संघ ने हमेशा अपने कार्यों के माध्यम से समाज की सेवा, सशक्तिकरण और समृद्धि के लिए प्रयास किए हैं। संघ का आदर्श ‘सेवा’ और ‘समाज’ को समर्पित है, जो भारतीय सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को सशक्त बनाने का कार्य करता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। इसका मूल उद्देश्य भारतीय समाज को एकजुट करना, उसे अपनी सांस्कृतिक पहचान और गौरव को समझाना, और सामाजिक समस्याओं का समाधान करना है। संघ का आदर्श केवल एक संगठनात्मक ढांचा नहीं, बल्कि एक जीवनदृष्टि है जो सेवा, त्याग, और सामाजिक समर्पण पर आधारित है। संघ के स्वयंसेवक अपने व्यक्तिगत लाभ से ऊपर उठकर समाज की सेवा करते हैं। यह सेवा विभिन्न रूपों में होती है शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, कुपोषण, महिलाओं के अधिकार, बच्चों की भलाई आदि। संघ का मानना है कि सेवा के माध्यम से समाज में एकजुटता और समृद्धि लाई जा सकती है।संघ के कार्यों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह भारतीय समाज को एक नई दिशा देने में सहायक हो रहा है, जहाँ हर व्यक्ति का समग्र विकास संभव हो।
लेखक के बारे में: उत्तर प्रदेश के रहने वाले लेखक श्री संतोष मिश्रा लेखन के प्रति अपने अटूट जुनून के लिए जाने जाते हैं। कई साल पहले अपनी लेखन यात्रा शुरू करने के बाद से, उन्होंने कई लेख, कहानियाँ और कविताएँ लिखी हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और इग्नू से मास्टर डिग्री, प्राप्त की उनकी शिक्षा ने उन्हें अपनी साहित्यिक गतिविधियों के लिए एक ठोस आधार प्रदान किया है। लेखन के प्रति अपने प्रेम के अलावा, श्री मिश्रा को सिनेमा, संगीत और खेल, विशेष रूप से टेबल टेनिस और क्रिकेट में भी गहरी रुचि है। ये विविध शौक जीवन के विभिन्न पहलुओं पर उनके समग्र दृष्टिकोण में योगदान करते हैं।