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Bharat Ki Videsh Niti

by P.C. Jain
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Book cover type: Hardcover
  • ISBN13: 9788126919468
  • Binding: Hardcover
  • Subject: Politics and Current Affairs
  • Publisher: Atlantic Publishers & Distributors (P) Ltd
  • Publisher Imprint: Atlantic
  • Publication Date:
  • Pages: 288
  • Original Price: INR 750.0
  • Language: Hindi
  • Edition: N/A
  • Item Weight: 360 grams
  • BISAC Subject(s): General

किसी देश की विदेश नीति उसवेफ राष्ट्रीय हितों को अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रा में अभिव्यक्त करती है। राष्ट्रीय हितों को अलग-अलग ढंग से परिभाषित किया जाता है। वस्तुतः एक देश वेफ राष्ट्रीय हित उस देश वेफ एतिहासिक, भौगोलिक परिस्थितियों, सामाजिक, आर्थिक व्यवस्था और विशेष कर सत्तारुढ़ वर्ग वेफ हितों पर निर्भर करते हैं। इसी को आधर मान भारत की विदेश नीति का 1947 से लेकर अब तक विश्लेषण इस पुस्तक में किया गया है। पुस्तक लिखने में इस बात का ध्यान रखा गया कि यह सामान्य ज्ञान वेफ साथ अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति वेफ छात्रा और छात्राओं तथा प्रशासनिक सेवाओं में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों वेफ लिए उपयोगी सि( हो सवेफ। अतः बहुत अध्कि विस्तार में ना जाकर यह प्रयास किया गया है कि भारत की विदेश नीति वेफ हर पक्ष की आवश्यक और पर्याप्त विवेचना हो जाये और उसकी समझ पर्याप्त हो जाये। इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि पुस्तक की भाषा सरल और सुगम हो। भारत वेफ संयुक्त राज्य अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और अब रूस, चीन और पाकिस्तान से सम्बंधें का विस्तार से विवेचन किया गया है क्योंकि भारत की अन्तर्राष्ट्रीय नीति में इनका विशेष महत्व है। इसवेफ साथ-साथ इस बात का ध्यान रखा गया है कि एशिया में, चाहे वह उनमें दक्षिण एशिया हो या दक्षिण-पूर्व एशिया, अथवा सुदूर पूर्व या पश्चिमी एशिया, भारत की उपयुक्त भूमिका क्या होनी चाहिए। भारत वेफ संभाव्य महाशक्ति होने का भी उल्लेख है। यह सुझाव भी दिया गया है कि भारत, चीन, रूस और प्रफंास मिलकर शक्ति का एक नया ध््रुव बना सकते हैं। एक-ध््रुवीय व्यवस्था विश्व शांति और छोटे-छोटे देशों वेफ हित में नहीं हैं, अतः दूसरे ध््रुव की महती आवश्यकता है।

प्रो. पी.सी. जैन, सितम्बर 1951 में बुन्देलखण्ड डिग्री कालेज में राजनीति विज्ञान विभाग में प्रवक्ता के रूप में नियुक्त हुए। आपने 36 वर्ष स्नातक और परास्नातकीय कक्षा में राजनीति शास्त्र का अध्यापन किया। अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में और राज-दर्शन के पठन-पाठन में आपकी विशेष दिलचस्पी रही। जून 1987 में आपने रीडर और विभागाध्यक्ष के रूप में निवृत्ति प्राप्त की और कई शैक्षणिक, जन-कल्याणकारी शिक्षण और व्यवसायिक संस्थाओं से जुड़े रहे हैं।

  • Foreword
  • दो शब्द
  • 1. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: प्राचीन काल से लेकर स्वतंत्रता प्राप्त करने तक भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबन्धों का संक्षिप्त विवरण
  • 2. विदेश नीति के निर्माणात्मक तत्त्व: भौगोलिक, आर्थिक, सैद्धान्तिक, प्रेस, संसद, नेहरू का व्यक्तित्व
  • 3. आधारभूत सिद्धान्त: विश्व शांति, असम्बद्धता, साम्राज्यवाद का विरोध
  • 4. भारत और पश्चिम एशिया/ मध्य पूर्व: भारत और ईरान, मिश्र, स्वेज नहर संकट, अल्जीरिया, इराक, लीबिया, अफगानिस्तान, सीरिया, फिलिस्तीन और अरब-इजराइल संघर्ष, भारत और इजरायल
  • 5. भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया: इण्डोनेशिया, हिन्द चीन, लाओस, कम्पूचिया, मलेशिया, थाईलैण्ड, बर्मा/म्यामांर, आसियन, बांडुग सम्मेलन
  • 6. भारत और सुदूर पूर्व: कोरिया, जापान
  • 7. भारत और चीन: मित्रता और मतभेद, भारत और चीन युद्ध, सीमा विवाद, तिब्बत, चीन और भारत के संबंधों का सामान्य आकलन
  • 8. भारत और दक्षिण एशिया: भारत और श्रीलंका भारत और बांग्ला देश-आर्थिक और व्यापारिक संबंध, दक्षेस अथवा सार्क, सार्क का मूल्यांकन
  • 9. भारत और पाकिस्तान: कश्मीर समस्या, 1965 का युद्ध, 1971 का युद्ध, शिमला समझौता, आतंकवाद, गुजराल सिद्धान्त
  • 10. भारत और उत्तर-पूर्व के पड़ोसी देश: नेपाल, भूटान
  • 11. भारत और अफ्रीकाः दक्षिण अफ्रीका, नाम्बिया, जिम्बावे, तंजानिया, जाम्बिका, यूगाण्डा, अल्जीरिया, मारीशस, केन्या डेमोक्रेेटिक रिपल्बिक आॅफ काॅगो
  • 12. भारत और रूस: सोवियत संघ-आर्थिक, राजनीतिक एवं सामरिक संबंध, सोवियत संघ का पतन, भारत और रूस के आर्थिक सम्बन्ध
  • 13. भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका: आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक सम्बन्ध, नेहरू काल-जनता शासन, 1990-91 के बाद डाॅ॰ मनमोहन सिंह के द्वारा विदेश नीति में परिवर्तन, समीक्षा
  • 14. भारत और यूनाइटेड किंगडम: नेहरू काल, कामनवेल्थ ऑफ नेशन्स, नेहरू के बाद की नीति
  • 15. भारत और लैटिन अमेरिका: क्यूबा, ब्रिक्स, सीलेक
  • 16. भारत-यूरोप और यूरोपियन यूनियन: जर्मनी, फ्रांस
  • 17. भारत, नव-उदारवाद और भू-मण्डलीकरण: भारत पर नव-उदारवाद का प्रभाव
  • 18. अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और भारत
  • 19. भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ: जनरल असेम्बली, सुरक्षा परिषद्, सचिवालय, सामाजिक और आर्थिक परिषद्, समीक्षा, प्रादेशिक संगठन
  • 20. नाम: नीति आलोचना, समीक्षा
  • 21. भारत और निःशस्त्रीकरण
  • समीक्षा
  • संदर्भित पुस्तकें

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