Shodh Kaise Kare
Ships in 1-2 Days
Free Shipping in India on orders above Rs. 500
Ships in 1-2 Days
Free Shipping in India on orders above Rs. 500
प्रस्तुत पुस्तक पी-एच.डी. करने वाले छात्र छात्राओं के लिए योजन बनाने पी-एच.डी. की बारीकियों को समझने तथा उनकी विभिन्न समस्याओं का समाधान करने के लिए एक अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रकाश स्तम्भ है इस पुस्तक के माध्यम से विद्वान लेखक ने शोध कार्य के आरम्भ से लेकर डॉक्टरेट की उपाधि मिलने तक शोध से सम्बन्धित विभिन्न तथ्यों का अत्यन्त सूक्ष्मतापूर्वक्ष तथा सरल ढंग से विवेचन प्रस्तुत किया है। पी-एच.डी. करने वाले विद्यार्थियों को पी-एच.डी. के विषय में एक सामान्य दृष्टिकोण देने वाली पुस्तक का हिन्दी ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारतीय साहित्य'जगत मैं नितान्त अभाव था, जो उन्हें पी-एच.डी. करने के क्रम में आने वाली विभिन्न समस्याओं का समाधान ढूढ़ने की दिशा में उचित मार्ग-निर्देशन कर सके। यह पुस्तक इन्हीं अभावों की पूर्ति का एक सराहनीय प्रयास है। निस्संदेह पी-एच.डी. करने वाले अध्येताओं के लिए पुस्तक अपरिहार्य है, परन्तु सामान्य पाठकों के लिए भी यह अत्यन्त उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण है।
डॉ. पुनीत बिसारिया ने 1998 में लखनऊ:विश्वविद्यालय से हिन्दी में पी-एच०डी० की उपाधि अर्जित की। आपने अपने केरिअर का आरम्भ सन् 1996 में हिन्दी के प्राध्यापक के रूप में किया। आप लखनऊ स्थित विश्वविख्यात बीरबल साहनी पुरावनस्पतिविज्ञान संस्थान में हिन्दी अनुवादक भी रह चुके हैं। सम्प्रति, आप बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी से सम्बद्ध नेहरू पी० जी० कालेज, ललितपुर में हिन्दी प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। अब तक आपकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा विविध विषयों पर 50 से अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। डॉ. बिसारिया की गणना सौन्दर्यशास्त्र, अनुंबाद तथा अद्यतन कविता के विशेषज्ञ रूप में की जाती है।