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Samajik Parivartan Aur Samajik Niyantran

by Dr. Ram Nath Sharma , Dr. R.K. Sharma
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Book cover type: Paperback
  • ISBN13: 9788126943005
  • Binding: Paperback
  • Subject: Sociology and Anthropology
  • Publisher: Atlantic Publishers & Distributors (P) Ltd
  • Publisher Imprint: Atlantic
  • Publication Date:
  • Pages: 288
  • Original Price: INR 495.0
  • Language: Hindi
  • Edition: N/A
  • Item Weight: 320 grams
  • BISAC Subject(s): Public Policy / Social Services & Welfare, Anthropology / Cultural & Social, and Sociology / General

सामाजिक परिवर्तन का तात्पर्य समाज की संरचना, संस्थाओं, मूल्यों, मान्यताओं एवं सामाजिक व्यवहार में समय के साथ आने वाले स्थायी एवं महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों से है। जब किसी समाज की जीवनशैली, सोचने की प्रवृत्ति, सांस्कृतिक परंपराएँ, रीति–रिवाज अथवा आपसी सामाजिक संबंधों में परिवर्तन दृष्टिगोचर होता है, तो इस व्यापक प्रक्रिया को सामाजिक परिवर्तन कहा जाता है।

दूसरी ओर, सामाजिक नियंत्रण समाज के सदस्यों के व्यवहार को सुव्यवस्थित एवं अनुशासित बनाए रखने की वह प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से सामाजिक व्यवस्था और स्थिरता को सुनिश्चित किया जाता है। यह नियंत्रण समाज द्वारा स्वीकृत मानकों, परंपराओं, नैतिक मूल्यों तथा विधिक नियमों के माध्यम से संचालित होता है।

यह पुस्तक समस्त भारतीय विश्वविद्यालयों में बी.ए. त्रिवर्षीय डिग्री कोर्स में समाजशास्त्र विषय में सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण आदि शीर्षकों से दिये गए प्रश्न–पत्रों के पाठ्यक्रमों का सरल भाषा में प्रामाणिक एवं सम्पूर्ण विवरण प्रस्तुत करती है। विद्वान लेखकों ने समाजशास्त्र में लेखन अध्ययन एवं अनुसंधान के अपने लम्बे अनुभव के आधार पर प्रामाणिक स्रोतों से विषय सामग्री एकत्रित करके सरल एवं सुस्पष्ट भाषा में विश्लेषणात्मक प्रणाली से विषय को प्रस्तुत किया है तथा विवादास्पद विषयों में समन्वयात्मक दृष्टिकोण से निष्कर्ष निकाले हैं। सभी स्थानों पर अधिकतर भारतीय परिवेश से उदाहरण दिये गये हैं ताकि पाठकों को विषय समझने एवं याद करने में आसानी हो। इस प्रकार यह पुस्तक विद्यार्थियों के लिये आदर्श पाठ्य पुस्तक और शिक्षकों के लिये संदर्भ ग्रन्थ के रूप में सहायक सिद्ध होगी।

डॉ. रामनाथ शर्मा, एम. ए.. डी. फिल. डी. लिट. अनेक दशकों तक विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापन, अनुसंधान एवं शोध निर्देशन में संलग्न रहे हैं। प्रधान सम्पादक Research Journal of Philosophy and Social Sciences, निर्देशन श्री अरविन्द शोध संस्थान, डॉ. शर्मा एक दशक तक उत्तर प्रदेश दर्शन परिषद के अध्यक्ष रहे है। एक सौ से अधिक पुस्तकों एवं इतने ही शोध–पत्रों के लेखक डॉ. शर्मा के निर्देशन में दो दर्जन से अधिक विद्वानों ने पी–एच.डी. उपाधि प्राप्त की है।

डॉ. राजेन्द्र कुमार शर्मा, एम.ए., एम.फिल., पी–एच.डी. आजीवन सदस्यः इंडियन सोशलॉजिक सोसाइटी; यू.पी सोशलॉजिक सोसाइटी, यू.जी.सी रिसर्च फेलो। पिछले एक दशक से विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापन एवं लेखन में संलग्न रहे हैं। हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम से आपकी दर्जनों पुस्तकें प्रेषित हुई हैं।

  • प्रथम खण्ड
  • सामाजिक परिवर्तन
  • (Social Change)
  • अध्याय…………………………………पृष्ठ
  • 1. सामाजिक परिवर्तन की अवधारणा………….9
  • (The Concept of Social Change)

  • 2. सामाजिक परिवर्तन के कारक…………………..30
  • (Factors of Social Change)

  • 3. सामाजिक उद्विकास…………………..51
  • (Social Evolution)

  • 4. सामाजिक प्रगति…………………..65
  • (Social Progress)

  • 5. सामाजिक विकास…………………..81
  • (Social Development)

  • 6. सामाजिक क्रान्ति…………………..92
  • (Social Revolution)

  • 7. सामाजिक परिवर्तन के सिद्धान्त…………………..101
  • (Theories of Social Change)

  • भाग दो
  • सामाजिक नियंत्रण
  • (Social Control)

  • 8. सामाजिक नियन्त्रण अर्थ और आधार…………………..123
  • (Social Control Meaning and Bases)

  • 9. परिवार और पारिवारात्मक समूहों के कार्य…………………..131
  • (Roles of Family and Familistic Groups)

  • 10. सामाजिक नियन्त्रण में राज्य का कार्यभाग…………………..180
  • (Role of State in Social Control)

  • 11.सामाजिक नियन्त्रण में धर्म का कार्यभाग…………………..195
  • (Role of Religion in Social Control)

  • 12. सामाजिक नियन्त्रण और प्रचार…………………..206
  • (Social Control and Propaganda)

  • 13. सामाजिक नियन्त्रण और जनमत…………………..226
  • (Social Control and Public Opinion)

  • 14. सामाजिक नियन्त्रण और फैशन…………………..238
  • (Social Control and Fashion)

  • 15. सामाजिक नियन्त्रण और नेतृत्व…………………..252
  • (Social Control and Leadership)

  • 16. सामाजिक संहितायें…………………..268-287
  • (Social Codes)

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