
Bhartiya Manovigyan
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यह पुस्तक भारतीय विश्वविद्यालयों में एम॰ ए॰ दर्शनशास्त्रा एवं मनोविज्ञान वेफ विद्यार्थियों वेफ लिये पाठ्यपुस्तक, भारतीय मनोविज्ञान वेफ शिक्षकों वेफ लिये संदर्भ ग्रन्थ एवं भारतीय प(ति से आत्म-विकास वेफ जिज्ञासुओं वेफ लिये निर्देशक ग्रन्थ वेफ रूप में लिखी गई है। इससे इन तीनों वर्गों वेफ पाठकों की क्या, क्यों और कितना तथा वैफसे पढ़ें विषयक सभी समस्यायें सुलझ जायेंगी। भारतीय मनोविज्ञान पर किसी भी भाषा में यह पहली और एकमात्रा पाठ्यपुस्तक है। प्रस्तुत पुस्तक निम्न तीन खण्डों में विभाजित की गयी हैः प्रथम खण्ड: विषय-प्रवेश विषय प्रवेशऋ भारतीय मनोविज्ञान की ऐतिहासिक रूपरेखा। द्वितीय खण्ड: मनोवैज्ञानिक प्रक्रियायें देह और आत्माऋ चेतना की दशायें और वृत्तियाँऋ मन की प्रकृति और नियंत्राणऋ प्रत्यक्षीकरण की प्रकृति, प्रकार और दशायेंऋ इन्द्रियाँ और संवेदनायेंऋ प्रत्यक्षीकरण वेफ सि(ान्तऋ विपर्यय: प्रकार, कारण और सि(ान्तऋ स्वप्न: वर्गीकरण, प्रकृति और सि(ान्तऋ स्मृति: प्रकृति, कारण और सि(ान्तऋ कल्पना: प्रकृति और कारकऋ चिन्तन, प्रत्यय और भाषाऋ अनुभूतियाँ: सुख और दुःखऋ इच्छा, मूलप्रवृत्ति और कर्मऋ प्रेरणा: प्रकार और सि(ान्तऋ भाव: प्रकार, नियंत्राण और परस्पर सम्बन्ध्ऋ ध्यान: प्रकृति, प्रकार और निर्णायकऋ क्रियायें: सहज और संकल्पात्मकऋ व्यक्तित्व: प्रकृति, प्रकार और संकलन। तृतीय खण्ड: भारतीय मनोविज्ञान वेफ क्षेत्रा मानसिक आरोग्य और चिकित्साऋ सौन्दर्य बोध् का मनोविज्ञानऋ यौन मनोविज्ञानऋ ध्र्म का मनोविज्ञानऋ योग मनोविज्ञानऋ परामनोविज्ञान।