Bhartiya Samaaj, Sansthayein Aur Sanskriti
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यह पुस्तक भारतीय समाज की संरचना, विकास और सामाजिक परिवर्तन की जटिलताओं पर एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इसमें भारतीय समाज के विविध पहलुओं जैसे जाति व्यवस्था, परिवार की संरचना, विवाह परंपराएं और सामाजिक सुधार आंदोलनों की विस्तृत विवेचना की गई है। भारतीय समाज की परंपराओं और आधुनिकता के बीच की खाई को समझने के लिए यह पुस्तक महत्वपूर्ण सिद्ध होती है। विशेष रूप से हिन्दू, मुस्लिम और ईसाई विवाह प्रणालियों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है, साथ ही साथ परिवारों की संरचना, स्त्रियों की स्थिति और समाज में उनकी भूमिका पर भी चर्चा की गई है। पुस्तक में भारत में हुए सामाजिक सुधार आंदोलनों, औद्योगिकीकरण, पश्चिमीकरण और सांस्कृतिक बदलावों के प्रभाव पर भी गहन विमर्श किया गया है। यह समाज के विभिन्न वर्गों, उनके विकासात्मक संघर्षों, साथ ही समाज के एकीकरण और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर भी विशेष ध्यान केंद्रित करती है।
डॉ. राम नाथ शर्मा,एम. ए., डी. फिल., डी. लिट., अनेक दशकों तक विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापन, अनुसंधान, एवं शोध निर्देशन में संलग्न रहे हैं। प्रधान सम्पादक Research Journal of Philosophy and Social Sciences, निदेशक श्री अरविन्द शोध संस्थान, डॉ. शर्मा एक दशक तक उत्तर प्रदेश दर्शन परिषद के अध्यक्ष रहे हैं। एक सौ से अधिक पुस्तकों एवं इतने ही शोध पत्रों के लेखक डॉ. शर्मा के निर्देशन में दो दर्जन से अधिक विद्वानों ने पी–एच. डी. उपाधि प्राप्त की है।
डॉ. राजेन्द्र कुमार शर्मा, एम. ए., एम. फिल., पी–एच. डी., पिछले एक दशक से विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापन एवं लेखन में संलग्न रहे हैं। हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम से आपकी दर्जनों पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।