भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के अंतिम पचास वर्ष विश्व के राजनैतिक घटनाक्रम में अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। यह वह समय था, जब विश्व क्षितिज पर घटित होने वाली कुछ घटनाओं ने पूरी दुनिया को विस्मित कर दिया।
भारत का विभाजन भी एक ऐसी ही घटना थी। वर्ष 1946 तक किसी को भी यह आभास नहीं था कि भारत के दो टुकड़े हो जाएंगे, लेकिन इसके बाद के अंतिम छह महीनों में जो कुछ भी हुआ उसने भारत का नक्शा ही बदल दिया।
भारतीय उपमहाद्वीप में दो नए राज्यों-भारत और पाकिस्तान का अभ्युदय हुआ। वास्तव में भारत विभाजन के लिए जिन्ना को जिम्मेवार बताया जाता है और उन्हें भारतीय इतिहास में एक खलनायक के रूप में देखा जाता है।
प्रस्तुत पुस्तक भारत के विभाजन की पृष्ठभूमि और उसके लिए उत्तरदायी कारणों की पड़ताल करती है और उनमें जिन्ना की भूमिका की जांच करने का निष्पक्ष प्रयास करती है।
इस पुस्तक के माध्यम से सभी महत्वपूर्ण एवं प्रासंगिक तथ्यों, विवरणों एवं घटनाओं को संतुलित तरीके से पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है ताकि पाठक उन घटनाओं एवं परिस्थितियों का निष्पक्ष मूल्यांकन कर सकें, जिनके कारण भारत का विभाजन हुआ।
सरल एवं स्पष्ट भाषा में व्यवस्थित रूप से लिखी गई यह पुस्तक शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं अध्येताओं के अतिरिक्त उन सामान्य पाठकों के लिए भी समान रूप से उपयोगी, ज्ञानवर्द्धक और सूचनाप्रद साबित होगी, जिन्हें भारत-पाकिस्तान के विभाजन से सम्बन्धित नवीन तथ्यों की जानकारी में विशेष रुचि है। निस्संदेह, यह पुस्तक उनके ज्ञान को एक नया आयाम, एक नई दिशा प्रदान करेगी।