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Madhyakaalin Bharat ka Itihaas (MULTI VOL SET-4 Vols.)

by Manik Lal Gupt
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Book cover type: Hardcover
  • ISBN13: 9788171567799
  • Binding: Hardcover
  • Subject: History
  • Publisher: Atlantic Publishers & Distributors (P) Ltd
  • Publisher Imprint: Atlantic
  • Publication Date:
  • Pages: 678
  • Original Price: INR 1315.0
  • Language: Hindi
  • Edition: N/A
  • Item Weight: 1270 grams
  • BISAC Subject(s): N/A

इस कृति में मध्यकालीन भारत की छः शताब्दी (आठवीं शताब्दी से तेरहवीं शताब्दी ) में हुये क्रमिक परिवर्तनों के अन्तर्गत संपत्तिगत संबंधों के स्वरूप 'नेचर आफ प्रापर्टी रिलेशन्स), जागीरदारी व्यवस्था और म्राम समुदाय (विलेज कम्युनिटी) की कार्यप्रणाली और समकालीन सामाजिक संबंधों को उजागर करने का प्रयास किया गया है। कृषि-संबंधों के नवीन स्वरूप के कारण शहरीकरण (अर्बनाइजेशन) की प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला गया है; इस शहरीकरण की प्रक्रिया को गतिमान बनाने में दिल्‍ली सल्तनत के योगदान को भी स्पष्ट किया गया है। इतिहास समस्त सामाजिक विज्ञानों का “आलेखागार' है; इस दृष्टि से इतिहास ने विभिन्‍न सामाजिक विज्ञानों के बीच को विभाजन रेखाओं को मिटाने में अप्रतिम योगदान दिया है, इस प्रकार के ऐतिहासिक अध्ययन ने मानवीय विकास को स्पष्ट किया है। प्रस्तुत पुस्तक में इसी आधुनिक ऐतिहासिक दृष्टिकोण का अनुसरण किया गया है इसके अतिरिक्त प्रस्तावित अध्ययन काल से संबंधित लगभग समस्त पक्षों-राजनीति और राजतंत्र, राज्य एवं धर्म आर्थिक एवं तकनीकी विकास, धार्मिक-सामाजिक आंदोलन के क्रमिक बिन्दु,. सांस्कृतिक प्रगति एवं तत्कालीन ऐतिहासिक लेखन आदि सभी विषयों का यथासंभव संतुलित विवेचन का प्रयास इस कृति में निहित है।

डॉ॰ मानिक लाल गुप्त, तीस वर्ष के निरन्तर अध्यापन कार्य व शोध-योजनाओं के निर्देशन के उपरान्त वाई॰ डी॰ पोस्ट ग्रेजुएट कालेज, लखीमपुर खीरी (कानपुर विश्वविद्यालय से संबंद्ध) के विभागाध्यक्ष (इतिहास) पद से सेवानिवृत्त इतिहास लेखक हैं। लगभग तीन दर्जन शोध-पत्र भारत एवं पाकिस्तान में प्रकाशित हो चुके हैं और एक दर्जन से अधिक छात्रें ने उनके निर्देशन में शोध-प्रपत्रें को पूर्ण कर पी-एच॰ डी॰ की उपाधि प्राप्त की हैं। इनके अतिरिक्त कई शोध-कार्यों -- इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज (इन्टेक) द्वारा अनुदानित "खीरी जनपद का क्षेत्रीय इतिहास", इंडियन कौंसिल फॉर हिस्टोरिकल रिसर्च (आई सी एच आर) द्वारा अनुदानित "उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महिलाओं की चेतना"--को पूर्ण किया है।

    खंड-1

  • 1. भारत पर अरबों का आक्रमण (मुहम्मद बिन कासिम द्वारा)
  • 2. भारत पर तुर्कों के आक्रमण (ग्यारहवीं सदी में) (महमूद गजनवी)
  • 3. भारत पर तुर्कों के आक्रमण (बारहवीं सदी) (मुहम्मद गोरी)
  • 4. दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (सुल्तान वुफतुबुद्दीन ऐबक)
  • 5. दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (सुल्तान इल्तुतमिश: दिल्ली सल्तनत का वास्तविक संस्थापक)
  • 6. दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान(इल्तुतमिश के उत्तराधिकारी: चिहलगानी संघर्ष)
  • 7. दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान(सुल्तान बलबन: तुर्की नस्ल की श्रेष्ठता का प्रतिपादन)
  • 8. दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (सुल्तान मुईजुद्दीन कैकुबाद: खलजी क्रांति)
  • 9. दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान(सल्तनत का स्वरूप: उलमा वर्ग और धार्मिक नीति)
  • 10. दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (उत्तर-पश्चिम सीमान्त: मंगोल समस्याओं और मंगोलों के प्रति नीति)
  • 11. दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (प्रशासन: सैन्य-व्यवस्था)
  • 12. दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (तकनीकी और आर्थिक विकास: सामाजिक परिवर्तन)
  • 13. दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान(संस्कृति: कला)
  • परिशिष्ट-‘क’ ‘तेरहवीं शताब्दी में दिल्ली’
  • परिशिष्ट-‘ख ऐतिहासिक लेखन-स्रोत
  • परिशिष्ट-‘ग’ खलीफा (कालक्रम)
  • परिशिष्ट-‘घ’ दिल्ली में के प्रारम्भिक तुर्क सुल्तान (कालक्रम)
  • परिशिष्ट-‘ड़’ महत्वपूर्ण घटनाओं की कालक्रम सारिणी
  • पारिभाषिक शब्दावली
  • संदर्भ-ग्रंथ सूची
  • खंड-2

  • अध्याय-1-सुल्तान जलालुद्दीन पफीरोज खलजी (दुर्बलता का प्रतीक)
  • अध्याय-2-सुल्तान अलाउद्दीन खलजी(महत्वाकांक्षी शासक)
  • अध्याय-3-उत्तर पश्चिमी सीमान्त नीति: मंगोल आक्रमण
  • अध्याय-4-राजपूत नीति (राजस्थान की विजय)
  • अध्याय-5-दक्षिणी नीति (दक्कन की विजय द्वारा
  • अध्याय-6-राजत्व-प्रशासन और सैन्य व्यवस्था
  • अध्याय-7-राजस्व: कृषि-व्यवस्था और कर प्रणाली
  • अध्याय-8-आर्थिक विनियम: बाजार नियंत्रण व्यवस्था
  • अध्याय-9-सुल्तान अलाउद्दीन खलजी का मूल्यांकन
  • अध्याय-10-सुल्तान शिहाबुद्दीन उमर खलजी; मलिक कापूर की महत्वाकांक्षा द्वारा
  • अध्याय-11-सुल्तान वुफतुबुद्दीन मुबारकशाह खलजी खलीपफतुल्लाह द्वारा
  • अध्याय-12-सुल्तान नासिरुद्दीन खुसरोशाह (अपहर्ता)
  • अध्याय-13-खलजी सल्तनत काल में कला, संस्कृति का विकास
  • परिशिष्ट-क-समकालीन, निकट-समकालीन स्रोत: समीक्षा
  • परिशिष्ट-ख-खल्जियों का मूल:(खलजी क्रांति का महत्वद्ध)
  • परिशिष्ट-ग-बरादुओं का मूल: बरादुओं की क्रांति का महत्व
  • परिशिष्ट-घ-पद्मिनी की प्रेमकथा की ऐतिहासिकता
  • परिशिष्ट-च-खलजी काल से संबंधित महत्वपूर्ण तिथियाँ
  • परिशिष्ट-छ-खलजी सल्तनत काल वेफ शासक
  • परिशिष्ट-ज-मुस्लिम कैलेन्डर
  • परिशिष्ट-झ-खलजी सल्तनत काल का उत्कर्ष; मानचित्र द्वारा
  • परिशिष्ट-ट-। Rare Coin of Sultan Sams-Ud-Duniya Wa’D Din Manmud Shah of Delhi
  • पारिभाषिक शब्दावली
  • ग्रंथ-सूची
  • खंड-3

  • अध्याय-1-सुल्तान गियासुद्दीन तुगलक (1320 ई. से 1325 ई.)
  • अध्याय-2-सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक (1325 ई. से 1351 ई.)
  • अध्याय-3-सुल्तान पफीरोजशाह तुगलक (1351 ई. से 1388 ई.)
  • अध्याय-4-पफीरोज के उत्तराधिकारी: तिमूर का आक्रमण (1388 ई. से 1413 ई.)
  • अध्याय-5-दिल्ली में सैयद सुल्तान (1414 ई. से 1451 ई.)
  • अध्याय-6-लोदी सुल्तान: पानीपत का प्रथम युद्ध (1451 ई. से 1526 ई.)
  • अध्याय-7-प्रान्ती राजवंश: विजयनगर साम्राज्य
  • अध्याय-8-भारतीय इस्लामी संस्कृति: धार्मिक आंदोलन
  • अध्याय-9-कृषक संरचना: व्यापार और वाणिज्य
  • परिशिष्ट-क-इतिहास के स्रोत (प्रमुख इतिहासकार)
  • परिशिष्ट-ख-चौदहवीं-पंद्रहवीं शताब्दी में सामाजिक गतिशीलता: आर्थिक स्थिति
  • परिशिष्ट-ग-चौदहवीं-पंद्रहवीं शताब्दी में भारतीय स्थापत्य कला
  • परिशिष्ट-घ-महत्वपूर्ण तिथियाँ
  • परिशिष्ट-च-सुल्तानों का काल-क्रम
  • पारिभाषिक शब्दावली
  • संदर्भ-ग्रंथ: जरनल्स
  • खंड-4

  • 1. बाबर (1526 ई. से 1530 ई.)
  • 2. हुमायूँ (1530 से 1540 ई. और 1555 से 1556 ई.)
  • 3. शेरशाह सूर और उनके उत्तराधिकारी (1540 से 1555 ई.)
  • 4. अकबर महान (1556 ई. से 1605 ई.)
  • 5. जहाँगीर (1605 से 1627 ई.)
  • 6. शाहजहाँ (1628 से 1658 ई.)
  • 7. औरंगजेब (1658 ई. से 1707 ई.)
  • 8. उत्तरकालीन मुगल सम्राट: नादिरशाह का आक्रमण (1707 ई. से 1739 ई.)
  • 9. मराठा शक्ति का उत्कर्ष: शिवाजी
  • 10. मुगलों की धार्मिक नीति
  • 11. मुगलों की राजपूत नीति
  • 12. मुगलों की दक्षिणी-नीति
  • 13. मुगलों की मध्य-एशिया सम्बन्धी नीति तथा उत्तर-पश्चिमी सीमान्त नीति (कन्धार नीति)
  • 14- मुगल प्रशासन तथा सैन्य व्यवस्था
  • 15- मुगलकालीन साहित्य और कला
  • परिशिष्ट-क महान् मुगलों की मुद्रा-व्यवस्था
  • परिशिष्ट-ख मुगलकालीन इतिहास जानने के मुख्य स्रोत
  • परिशिष्ट-ग मुगल सम्राटों का कार्यकाल
  • परिशिष्ट-घ मुगलकालीन भारत की यात्रा पर आये महत्वपूर्ण योरोपियन यात्री
  • परिशिष्ट-ड़ महत्वपूर्ण तिथियाँ
  • परिभाषिक शब्दावली
  • महत्वपूर्ण ग्रन्थ सूची (सन्दर्भ ग्रन्थ)

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